Donald Trump Statements Review: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अकसर अपने बयानों और आदेशों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन वे बयान-आदेश जारी करते हैं। विरोध होने पर उस बयान-आदेश से पलट जाते हैं। डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में कई बार ऐसा कर चुके और अब दूसरे कार्यकाल में भी वे ऐसा ही कर रहे हैं।
Donald Trump UTurn From Statements: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं, लेकिन अकसर अपने दिए बयान से वे पलट भी जाते हैं। इसके अलावा ट्रंप दोहरी बयानबाजी भी करते हैं। जैसे हाल ही में पाकिस्तान के जनरल असीम मुनीर को अमेरिका बुलाने की वजह को लेकर ट्रंप ने मीडिया के सामने एक बयान दिया, लेकिन व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने मुनीर को अमेरिका बुलाने की वजह ट्रंप से कुछ अलग ही बताई।
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने मुनीर को अमेरिका इसलिए बुलाया, ताकि वे भारत के साथ युद्ध नहीं लड़ने का फैसला लेने के लिए उनका आभार जता सकें। वहीं व्हाइट हाउस की प्रवक्ता अन्ना केली ने इसकी वजह मुनीर द्वारा ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के नामांकित करने का समर्थन करना बताया, जिसका आभार जताने के लिए उन्होंने मुनीर को अमेरिका बुलाया।
भारत-पाकिस्तान तनाव में मध्यस्थता
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ बनने की कोशिश भी करते रहे हैं। साल 2019 में भी ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को मध्यस्थता करके कश्मीर मुद्दा सुलझाने का ऑफर दिया, जिसे भारत ने ठुकरा दिया। साल 2025 में ट्रंप ने फिर भारत और पाकिस्तान में मध्यस्थता करने का दावा किया और कहा कि दोनों की जंग उन्होंने शांत कराई, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि दोनों देश आपस में मामला सुलझा सकते हैं, तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं।
PM मोदी का रुख देख उन्होंने बयान दिया कि उन्होंने पाकिस्तान के जनरल से बात की थी, युद्ध् नहीं लड़ने का फैसला उनका खुद का था, लेकिन ट्रंप अपने इस बयान से भी कई बार पलट चुके हैं और वे दोनों देशों की तारीफ कर चुके हैं और कहते हैं कि मैंने भारत-पाकिस्तान की लड़ाई रुकवा दी। प्रधानमंत्री मोदी से बात की है और हम जल्द ही ट्रेड डील साइन करने जा रहे हैं। ट्रंप ने ऐसा कहकर फिर से मोदी जी के प्रचार तंत्र की हवा निकाल दी। मुनीर से बात करने के बाद भी उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में दोनों देशों और दोनों नेताओं की तारीफ की।
टैरिफ नीति पर ले चुके यूटर्न
साल 2025 में दूसरी बार राष्ट्रपति पद संभालने के बाद ट्रंप ने नई टैरिफ पॉलिसी लागू की। उन्होंने कहा कि सभी देशों पर टैरिफ पॉलिसी के तहत आयात शुल्क लगाया जाएगा। अप्रैल 2025 में टैरिफ पॉलिसी लागू करते हुए उन्होंने घोषणा की कि कंप्यूटर, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट पर टैरिफ से 90 दिन की छूट मिलेगी, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी इस घोषणा से यूटर्न ले लिया और कहा कि कोई भी देश टैरिफ से नहीं बचेगा। सभी देशों पर टैरिफ लागू होगा। चीन के लिए स्पेशल टैरिफ लगाया गया है। ट्रंप ने खुद कहा कि टैरिफ पॉलिसी अमेरिका का उत्पादन बढ़ाने और व्यापार असंतुलन को खत्म करने के लिए लागू की गई है।
मुस्लिम की एंट्री पर प्रतिबंध से यूटर्न
साल 2016 में डोनाल्ड ट्रंप ने मुस्लिमों के अमेरिका आने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही। जनवरी 2017 में ट्रंप ने कार्यकारी आदेश 13769 साइन किया। इस आदेश को लागू करके ट्रंप ने 7 मुस्लिम देशों इराक, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया, यमन के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री 120 दिन के लिए बैन कर दी। इस आदेश का विरोध हुआ और अदालतों में आदेश को चुनौती दी गई। विवाद बढ़ता देख ट्रंप ने पॉलिसी में बदलाव किया और सातों देशों के ग्रीन कार्ड धारकों को प्रतिबंध से छूट दे दी। पॉलिसी बनाकर लागू करने के बाद विरोध होने पर नीति को नरम कर देना और पॉलिसी को स्वीकार कराने के लिए इसमें संशोधन करना एक यूटर्न के रूप में देखा गया। साल 2018 में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों की एंट्री को लेकर बनी संशोधित नीति को वैध ठहराया।
पेरिस जलवायु समझौते पर बदला रुख
डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2017 में अपने पहले राष्ट्रपति काल में पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को बाहर निकाल लिया था। उन्होंने समझौते को अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक बताया था। साल 2025 में उनका दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ तो जलवायु समझौते पर फिर से विचार करने के संकेत दिए। यूरोपीय देशों ने टैरिफ छूट के बदले जलवायु समझौते में अमेरिका से सहयोग करने की मांग की थी, इसके बाद ही जलवायु समझौते को लेकर ट्रंप के रुख में बदलाव आया। हालांकि ट्रंप ने अमेरिका को जलवायु समझौते में शामिल करने को लेकर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की, लेकिन जलवायु समझौते को लेकर नरम रुख अपनाने की बात को ट्रंप का यूटर्न ही माना गया।
सीमा दीवार और अप्रवासन नीति
डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2016 में मैक्सिको के साथ लगते बॉर्डर पर दीवार बनाने का वादा किया। दीवार बनाने का खर्चा मैक्सिको से लेने का वादा भी किया, लेकिन चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति कार्यकाल शुरू होते ही ट्रंप ने कहा कि मैक्सिको बॉर्डर पर दीवार बनाने का खर्च अमेरिका के टैक्स पेयर्स को वहन करना पड़ेगा। ट्रंप के इस रुख को भी बयान से यूटर्न माना गया।
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