पहलगाम आतंकी हमले की जांच करते हुए नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम को हमले के प्रत्यक्षदर्शी मिले, जिन्होंने जांच अधिकारियों का बताया कि आतंकियों ने कैसे खूनी खेल खेला? जांच एजेंसी को आतंकी हमले का एक वीडियो और एक गवाह भी मिला है, जो हमले के समय मौके पर मौजूद था।
पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हमले के पीड़ितों से बातचीत की है। NIA की एक टीम ने महाराष्ट्र, ओडिशा और बंगाल सहित अन्य राज्यों के आतंकी हमला पीड़ितों के बयान दर्ज किए। एक टीम ने पहलगाम की बैसरन घाटी में स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की। आतंकी हमले के प्रत्यक्षदशियों ने भी जांच एजेंसी के अधिकारियों को आंखोंदेखी सुनाई है। आतंकी हमले की शुरुआती जांच से एजेंसी को संकेत मिले हैं कि हमले करने वाले आतंकियों की संख्या 5 से 7 हो सकती है।
हमलावरों की मदद 2 स्थानीय आतंकियों ने भी की थी। जांच एजेंसियों ने हमला पीड़ितों की निशानदेही पर 3 आतंकियों के स्केच बनाकर जारी किए हैं। यह तीनों पाकिस्तान के हैं और इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं। वहीं इनकी मदद करने वाले एक आतंकी आदिल थोकर के बारे में भी पता चला है। 5वें आतंकी के बारे में पता लगाने के प्रयास जारी हैं। NIA को प्रत्यक्षदर्शियों ने आतंकी हमले की आंखोंदेखी भी सुनाई है।
प्रत्यक्षदर्शी ने NIA को बताया जो देखा
NIA सूत्रों के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शी अपनी आंखों से देखी गई आतंकियों की क्रूरता से काफी आहत थे और दहशत में भी थे, लेकिन उनसे की गई पूछताछ में महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और वीडियो साक्ष्यों के आधार पर जांच एजेंसी ने यह पता लगाया है कि हमला किस प्रकार हुआ? प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकवादी, जो पहले दुकानों के पीछे छिपे हुए थे, बाहर आए और उन्होंने भीड़ से कलमा पढ़ने को कहा। कुछ देर बाद उन्होंने 4 लोगों को निशाना बनाकर उनके सिर में गोली मार दी।
सैन्य अधिकारी की गवाही अहम सबूत
NIA सूत्रों के अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले की जांच के लिए पेड़ से ऊपर से लिया गया एक वीडियो भी मिला है, जो एक स्थानीय फोटोग्राफर ने बनाई थी। आतंकियों से अपनी जान बचाने के लिए वह शख्स पेड़ पर चढ़ गया था, जहां से उसने आतंकी हमले का वीडियो बनाया। NIA को जांच करते हुए एक और अहम सबूत मिला है, जो भारतीय सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल की गवाही है, जो हमले के दौरान मौके पर मौजूद थे। वे अपने परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे थे।
सूत्रों से पता चलता है कि वर्तमान में जम्मू कश्मीर में तैनात सैन्य अधिकारी ने जांचकर्ताओं को अमूल्य जानकारी दी है। उन्होंने न केवल अपने परिवार की सुरक्षा आतंकियों से की, बल्कि 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बारे में जांच एजेंसियों को महत्वपूर्ण सुराग भी दिए। सैन्य अधिकारी ने ही NIA को बताया कि आतंकी जंगल के रास्ते से बैसरन घाटी में आए थे। उनके कपड़ों पर कैमरे लगे हुए थे उनके हाथों में राइफल के साथ-साथ एक विदेशी हथियार भी था, जिसके कारतूस भी मिले हैं।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal