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स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके कार्यकर्ताओं पर मुकदमे की मांग, घायल युवकों के परिजनों ने पुलिस में दी तहरीर

रायबरेली, यूपी:
पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य से जुड़ा मामला अब नया मोड़ लेता दिख रहा है। सारस चौराहे पर बीते दिन हुई घटना को लेकर अब आरोपियों के परिजनों ने पलटवार करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके सहयोगियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है।

जानकारी के अनुसार, बीते दिन मिल एरिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत सारस चौराहे पर जब स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत किया जा रहा था, तभी उन्हें थप्पड़ मारे जाने की घटना सामने आई थी। इस मामले में पुलिस ने दोनों हमलावरों रोहित द्विवेदी और शिवम यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था।

मामले में नया मोड़
अब रोहित द्विवेदी और शिवम यादव के परिजनों ने दावा किया है कि घटना के बाद पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने निजी सुरक्षा कर्मियों और कार्यकर्ताओं को उकसाकर दोनों युवकों की बेरहमी से पिटाई करवाई। इस हमले में दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

घायल रोहित द्विवेदी के पिता अमरेश कुमार द्विवेदी ने आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुलेआम गुंडागर्दी करते हुए अपने लोगों से दोनों युवकों की बर्बर पिटाई करवाई। उन्होंने मांग की है कि इस मामले में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, उनके तीन सहयोगियों सहित करीब एक दर्जन अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।

परिजनों की मांग
परिजनों का कहना है कि कानून सभी के लिए बराबर है। अगर उनके बेटों को थप्पड़ मारने पर जेल भेजा गया है, तो स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके समर्थकों द्वारा की गई पिटाई की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के बाद मौके पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही और पिटाई करने वालों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की गई।

बाइट – अमरेश कुमार द्विवेदी, घायल रोहित के पिता
“मंत्री जी को थप्पड़ मारा, यह ठीक नहीं था। लेकिन उसके बाद जो हुआ, वो क्या सही था? क्या कानून केवल आम आदमी के लिए है? मेरे बेटे को बुरी तरह पीटा गया। उसके सिर और शरीर पर गंभीर चोटें हैं। हमने पूरी घटना की तहरीर थाने में दी है। हम मांग करते हैं कि सभी दोषियों पर भी सख्त कार्रवाई हो।”

पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस पूरे प्रकरण में पुलिस की निष्पक्षता पर भी सवाल उठ रहे हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने केवल थप्पड़ मारने वालों पर कार्रवाई की, लेकिन उनके साथ हुई मारपीट को नजरअंदाज किया गया।

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