जनरल चौहान ने याद दिलाया कि 2016 में उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने जमीनी रास्ते से पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के कैंप तबाह किए। 2019 पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने खैबर पख्तूनख्वा में एयरस्ट्राइक की थी। 
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान ने अलग-अलग सबक सीखे। भारत ने जहां लंबी दूरी तक मार करने वाले प्रिसिजन हथियार और हमले के बाद नुकसान का आकलन करने की क्षमता पर ध्यान दिया, वहीं पाकिस्तान ने संभवतः अपनी एयर डिफेंस प्रणाली को मजबूत करने पर फोकस किया।
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