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साढ़े तीन पेज के सुसाइड नोट में बताया दर्द, जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय का बाबू लापता; सुराग नहीं लगा

जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय के लापता हुए बाबू का अभी तक सुराग नहीं लग सका है। साढ़े तीन पेज का सुसाइड नोट छोड़कर वो लापता हो गया। उद्यान विभाग के कनिष्ठ सहायक अनिल कुमार के सुसाइड नोट छोड़कर गायब होने का मामले की गूंज प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक पहुंच गई। उद्यान विभाग के निदेशक भानुप्रकाश राम ने इस मामले की जांच को संयुक्त निदेशक उद्यान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। डीएम रमेश रंजन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला स्तर पर भी जांच कराने की तैयारी कर ली है। लिपिक के ऋषिकेश में मिलने के बाद उसे परिजन को सुपुर्द कर दिया है। उद्यान विभाग में कार्यरत लिपिक अनिल कुमार सुसाइड नोट छोड़ने के साथ गायब हो गया था। उसका मोबाइल फोन बंद जाने के कारण परिजन हैरान हो गए थे। सुसाइड नोट में उक्त लिपिक ने विभागीय अधिकारी के साथ-साथ वहां तैनात स्टाफ पर आरोप लगाए थे। लिपिक की पत्नी गुड्डी देवी ने बच्चों एवं देवर के साथ एसएसपी को संबोधित शिकायती पत्र दिया था। पुलिस मामले की जांच में जुटी तो ऋषिकेश से उक्त लिपिक अनिल बरामद कर लिया। काफी गहनता से पूछताछ के बाद परिजन के सुुपुर्द कर दिया। लिपिक की ओर से लगाए आरोपों की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई है।

निदेशक उद्यान भानुप्रकाश राम ने इस मामले की जांच के लिए संयुक्त निदेशक उद्यान डॉ. सर्वेश कुमार के निर्देशन में टीम का गठन किया है। इसमें उप निदेशक आलू कौशल कुमार नीरज,मुख्य उद्यान विशेषज्ञ लखनऊ कृष्ण मोहन चौधरी को शामिल किया है। जांच टीम को एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। इधर डीएम रमेश रंजन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिला उद्यान अधिकारी अनीता सिंह से मामले की जानकारी करने के साथ पूरे मामले की जांच को जिला स्तरीय कमेटी बनाने की तैयारी कर ली है।

लिपिक के परिजन से मिले सीडीओ,जाना हाल
सीडीओ शत्रोहन वैश्य ने सोमवार को गायब हुए उद्यान विभाग के लिपिक अनिल कुमार के परिजन से भेंट की। पत्नी गुड्डी देवी, बेटा के साथ अन्य परिजनों से उनका हाल जाना और कहा कि पूरे मामले की गहनता से जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस दौरान जिला उद्यान अधिकारी अनीता सिंह के अलावा उद्यान विभाग का स्टाफ मौजूद रहा।

लिपिक की डायरी खोल सकती है कई राज
फिरोजाबाद। उद्यान विभाग के लिपिक अनिल कुमार के परिजन के अनुसार लिपिक खुद अपनी डायरी में भी कार्यालय की बात को लिखते रहते थे। जांच में यदि उक्त डायरी के पन्नों को शामिल किया गया तो कई अफसरों की हकीकत सामने आ जाएगी। देखना यह होगा कि जांच टीम में शामिल अधिकारी इस डायरी को संज्ञान लेते हैं कि नहीं। या फिर वरिष्ठ अफसरों को बचाने के लिए जांच के नाम पर खानापूरी होगी। जिला उद्यान अधिकारी फिरोजाबाद अनीता सिंह ने बताया कि कार्यालय के कनिष्ठ सहायक अनिल कुमार प्रकरण की जांच को निदेशक उद्यान की ओर से तीन सदस्यीय वरिष्ठ अफसरों की टीम गठित की है। इस टीम के द्वारा जांच की जाएगी। कनिष्ठ लिपिक ऋषिकेश में मिलने के साथ परिजन को सुपुर्द कर दिया है। अभी कार्यालय आना शुरू नहीं किया है।

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