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मुरादाबाद में ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में 15 मिनट बिजली गुल, मुख्य अभियंता सहित पांच अफसर निलंबित

मुरादाबाद में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के कार्यक्रम के दौरान 15 मिनट तक बिजली गुल हो गई। इससे मंत्री नाराज हो गए। मामले की जांच के बाद एमडी पीवीएनएल ईशा दुहन ने बिजली आपूर्ति में लापरवाही के लिए मुख्य अभियंता से लेकर अवर अभियंता तक पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

मुरादाबाद में संबोधित करते ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

मुरादाबाद में रविवार देर रात प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के कार्यक्रम में 15 मिनट के लिए बिजली गुल हो गई। इससे मंत्री नाराज हो गए। इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही एमडी पीवीएनएल ईशा दुहन ने बिजली आपूर्ति प्रावधान में दोषी मानते हुए पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।

इनमें मुख्य अभियंता से लेकर अवर अभियंता तक शामिल हैं। दरअसल, मुरादाबाद में बच्चा पार्क इलाके में यह कार्यक्रम था। इस दौरान बिजली आपूर्ति गुल हो गई थी। बिजली आपूर्ति में व्यवधान के लिए अनुरक्षण कार्य में लापरवाही के लिए जिम्मेदार मानते हुए मुरादाबाद के पांच अधिकारियों पर कार्रवाई की गई।
इनमें मुख्य अभियंता अरविंद सिंगल, अधीक्षण अभियंता सुनील अग्रवाल, अधिशासी अभियंता प्रिंस गौतम, एसडीओ राणा प्रताप और अवर अभियंता ललित कुमार को निलंबित किया गया है। एमडी ईशा दुहन ने बताया कि बिजली आपूर्ति के मामले में कोई लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।बिजली गुल होते ही उड़ा दिया अफसरों का फ्यूज

कंपनी बाग स्थित चिल्ड्रन पार्क का जायजा लेने के बाद ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा जैसे ही निकले बिजली गुल हो गई। विद्युत निगम के इंजीनियरों ने तर्क दिया कि ज्यादा लोड पड़ने के कारण ट्रांसफार्मर का फ्यूज उड़ गया। यह छोटी सी चूक पांच इंजीनियरों पर भारी पड़ गई। अब विद्युत निगम के इंजीनियर इसका ठिकरा नगर निगम के सिर फोड़ रहे हैं।

दोनों निगमों के जिम्मेदारों ने एक दूसरे समन्वय नहीं किया। नतीजा यह रहा कि चिल्ड्रन पार्क के ज्यादा विद्युत उपकरण एक साथ चलने से ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ गया। मंत्री जैसे ही 5-डी मोशन सेंटर का निरीक्षण कर बाहर निकले तो ट्रांसफार्मर का अचानक फ्यूज उड़ गया और बिजली गुल हो गई।

हालांकि मंत्री ने इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वह बुद्धि विहार स्थित स्पंदन सरोवर के निरीक्षण के लिए निकल गए। जब उन्हें पता चला कि वहां भी आपूर्ति ठप है तो उन्होंने अपने सहायक को निर्देश देकर इंजीनियरों के निलंबन का आदेश पीवीवीएनएल से जारी कराया।

विद्युत निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि नगर निगम की टीम ने सारे उपकरण एक साथ चालू करने से पहले उनसे समन्वय नहीं किया। नगर निगम का तर्क है कि मंत्री के निरीक्षण को लेकर विद्युत टीम को पहले ही अलर्ट होना चाहिए था। इस मामले में मंत्री की नाराजगी और निलंबन के आदेश के बाद जेई से लेकर मुख्य अभियंता तक के फोन उठने बंद हो गए।

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