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बलरामपुर में लकड़ी तस्करी का बड़ा खुलासा, पुलिस-वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई

बलरामपुर ज़िले से आज बड़ी खबर सामने आई है। महराजगंज तराई क्षेत्र में पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने अवैध लकड़ी तस्करी का पर्दाफाश किया है। यह मामला तब खुला जब पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम गुलहरिया में एक ट्रक पर बगैर किसी अभिवहन पास के लकड़ी लादी जा रही है। सूचना मिलते ही पुलिस सतर्क हो गई और वन विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त टीम बनाकर मौके पर दबिश दी।

मौके पर जैसे ही पुलिस पहुँची तो वहाँ एक ट्रक खड़ा मिला। ट्रक की तलाशी ली गई तो सभी लोग दंग रह गए। ट्रक लकड़ी से खचाखच भरा हुआ था। टीम ने मौके से 312 नग सागौन की बोटा और 306 नग जलौनी लकड़ी बरामद की। कुल मिलाकर लगभग 30 कुंतल लकड़ी बरामद हुई, जिसकी कीमत लाखों में आँकी जा रही है।

पुलिस ने इस दौरान मौके से दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया – जिनकी पहचान अमित कुमार सिंह और मोहम्मद सईद के रूप में हुई है। वहीं एक अन्य आरोपी इरफान फरार हो गया, जिसकी तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

इस कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक बलरामपुर श्री विकास कुमार के निर्देश अहम रहे। उनके आदेश पर थाना महराजगंज तराई के थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार पाण्डेय, उपनिरीक्षक राम मोहन सिंह, हेड कांस्टेबल विंद्याचल मिश्रा, बृजेश यादव सहित वन विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे। पूरी टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए तस्करों को दबोचा और लकड़ी से लदा ट्रक जब्त किया।

इस मामले में वन संरक्षण अधिनियम और ट्रांजिट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक श्री विकास कुमार ने साफ कहा है कि जिले की हरियाली और वन संपदा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, “हमारे लिए यह प्राथमिकता है कि जिले में किसी भी प्रकार की अवैध कटान और लकड़ी की तस्करी पूरी तरह से रोकी जाए। यह कार्रवाई एक बड़ा संदेश है कि जो भी लोग इस तरह के अपराधों में शामिल होंगे, उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।”

गौरतलब है कि बलरामपुर और उसके आसपास के इलाकों में समय-समय पर लकड़ी तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं। तस्कर अक्सर गाँव के अंदरूनी रास्तों का इस्तेमाल करके लकड़ी काटते हैं और रात के अंधेरे में उसे बाहर भेजने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस बार पुलिस और वन विभाग की सख्ती ने तस्करों की चालाकी पर पानी फेर दिया।

गाँव के लोगों का कहना है कि लंबे समय से क्षेत्र में अवैध कटान की गतिविधियाँ चल रही थीं, जिससे जंगलों की हरियाली प्रभावित हो रही थी। अब पुलिस की इस कार्रवाई से लोगों में भरोसा जगा है कि पर्यावरण और वन संपदा को बचाने के लिए प्रशासन गंभीर है।

फिलहाल गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया गया है और फरार आरोपी की तलाश में लगातार छापेमारी चल रही है। पुलिस का दावा है कि आने वाले समय में इस तरह की अवैध तस्करी की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

बलरामपुर से यह घटना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। पुलिस और वन विभाग की संयुक्त कार्यवाही ने न केवल अवैध लकड़ी तस्करों पर नकेल कस दी है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि जब पुलिस और प्रशासन मिलकर काम करते हैं तो बड़े से बड़ा अपराध भी दबाया नहीं जा सकता।

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