बलरामपुर: जिले में यूरिया खाद की भारी कमी और किसानों की बढ़ती परेशानियों को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सोमवार को भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। किसानों की समस्याओं को उजागर करने के लिए सपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक बड़ी रैली निकाली और जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान किसानों के प्रतिनिधियों और सपा नेताओं ने सरकार पर खाद की कालाबाजारी और किसानों के शोषण के गंभीर आरोप लगाए।
खाद वितरण में भाजपा का कथित कब्जा और टोकन की समस्या
गैसड़ी से सपा विधायक राकेश यादव ने कहा कि जिले की खाद वितरण समितियों पर भाजपा के लोगों का अवैध कब्जा हो चुका है। उन्होंने बताया कि किसानों को खाद के लिए टोकन नहीं दिए जा रहे और खुले बाजार में एक बोरी यूरिया 700 से 800 रुपये में बेची जा रही है, जबकि इसकी निर्धारित कीमत इससे काफी कम है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समितियों के सचिव समय पर नहीं आते और पुलिस-प्रशासन भी किसानों की मदद करने की बजाय उन्हें निराश कर रहा है।
लंबी लाइनें और खाली हाथ लौटते किसान
पूर्व विधायक अब्दुल मशहूद खान ने तुलसीपुर और अन्य क्षेत्रों की समितियों में हालात भयावह बताते हुए कहा कि हजारों किसान खाद के लिए कई घंटे लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें यूरिया नहीं मिल पाता। उन्होंने जनता से अपील की कि वह किसान विरोधी भाजपा सरकार को हटाकर समाजवादी पार्टी की सरकार लाएं, ताकि किसानों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
3000 टन खाद गायब होने का आरोप
सपा प्रत्याशी प्रखर सिंह ने कहा कि जिले में 3000 टन यूरिया खाद आई थी, लेकिन वह किसानों तक नहीं पहुंच पाई और उसकी कालाबाजारी हो गई। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि किसानों को राहत देने के बजाय उन्हें और अधिक परेशान किया जा रहा है।
भविष्य के आंदोलन की चेतावनी
सपा नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध नहीं कराया गया, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले सकता है। प्रदर्शन में विधायक राकेश यादव, पूर्व विधायक अब्दुल मशहूद खान, सपा प्रत्याशी प्रखर सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता और किसान मौजूद रहे।
किसानों की आवाज़ बुलंद
धरना-प्रदर्शन में किसानों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है और उनका जीवन कठिन होता जा रहा है। सपा नेताओं ने किसानों की ओर से सरकार को स्पष्ट संदेश भेजा कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन का दायरा और बढ़ जाएगा।
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