शहर में जश्ने ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार बड़ी ही धूमधाम और शान-ओ-शौकत के साथ मनाया गया। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस निकालकर पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन की खुशियां साझा कीं। जुलूस के दौरान जगह-जगह स्वागत किया गया और वातावरण ‘नारे तकबीर अल्लाह-हो-अकबर’ और ‘या रसूल अल्लाह’ जैसे नारों से गूंज उठा।
रवी-उल-अव्वल की बारहवीं तारीख को मनाया जाने वाला यह पर्व मुस्लिम समुदाय के लिए आस्था और उत्साह का प्रतीक है। इस दिन को बारहवीं शरीफ भी कहा जाता है। जुलूस में शामिल लोग हरे झंडे, बैनर और तख्तियां लेकर चल रहे थे, वहीं कई जगहों पर सजावटी रोशनी और रंग-बिरंगी झालरों से माहौल खुशनुमा बना हुआ था। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इस मौके पर खासा उत्साहित नज़र आया।
जुलूस के दौरान जगह-जगह आतिशबाजी और पटाखों का भी आयोजन किया गया। कई इलाकों में लोगों ने मिठाइयां और शरबत बांटकर भाईचारे और मोहब्बत का संदेश दिया। प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, ताकि कार्यक्रम शांति और सौहार्द के साथ संपन्न हो सके।
इतिहास के अनुसार, पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब का जन्म सन 571 ईस्वी में अरब के मक्का शहर में हुआ था। इस दिन को पूरी दुनिया के मुसलमान यादगार बनाकर मनाते हैं। ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि यह लोगों को अमन, इंसानियत और भाईचारे का पैगाम भी देता है।
पीलीभीत में इस अवसर पर धार्मिक उत्साह का अनोखा नज़ारा देखने को मिला, जिसने गंगा-जमुनी तहज़ीब और आपसी एकता की मिसाल पेश की।
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