Delhi Metro News: मेट्रो स्टेशन पर आपको प्लेटफॉर्म पर जाने से पहले कई छोटी-मोटी दुकानें देखने को मिल जाती है. शायद आपने भी कभी सोचा होगा कि यहां दुकान खोल सके. मगर उसका प्रोसेस क्या होता है? कितने पैसे आपके आवेदन के लिए देने होते हैं. इन सभी सवालों के जवाब इस रिपोर्ट में जानिए.
Delhi Metro News: मेट्रो स्टेशन पर सिर्फ ट्रेन और यात्री नहीं कई सारी दुकानें भी मौजूद होती है. यहां अपना एक छोटा स्टोर होना एक बेहतरीन व्यापार का विकल्प हो सकता है. दिल्ली के मेट्रो स्टेशन्स पर अब स्नैक्स आउटलेट के साथ कई बड़े ब्रांड्स की भी दुकानें आपको दिख जाएंगी. मगर इन्हें दुकान खोलने की परमिशन कैसे मिलती है? किसी भी मेट्रो स्टेशन पर कोई कैसे अपनी दुकान खोलता है? जानिए इस रिपोर्ट में पूरा प्रोसेस.
कैसे खुलती है मेट्रो स्टेशन पर दुकान?
DMRC या दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर आपको दुकान खोलने का पूरा प्रोसेस का डाटा उपलब्ध है. उसके अनुसार ही दुकान के लिए आवेदन किया जाता है. इसके लिए दिल्ली मेट्रो द्वारा दुकान के लिए स्पेस अलॉट होती है. इसके लिए आपको टेंडर में हिस्सा लेना पड़ता है. टेंडर की जानकारी दिल्ली मेट्रो की साइट पर मिल जाएगी.
किस स्टेशन पर खोल सकते हैं दुकान?
अगर आप जानना चाहते हैं कि मेट्रो रूट के किस स्टेशन पर दुकान खुल सकती है और कहां नहीं तो उसकी पूरी लिस्ट भी ऑफिशियल साइट पर अपलोड की गई है. इस लिस्ट में आपको दिल्ली के सभी स्टेशनों पर दुकान खोलने के लिए स्पेस, किराया और स्टेशन का नाम सब कुछ मिल जाएगा. लिस्ट में चेक करके आप अपने चुनाव से स्टेशन और दुकान चुन सकते हैं.
टेंडर में हिस्सा कैसे लें?
इसके लिए भी दिल्ली मेट्रो नोटिफिकेशन जारी करती है. मेट्रो स्टेशनों पर खाली शॉप्स का टेंडर DMRC रिलीज करती है. टेंडर में हिस्सा लेने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आयोजित किए जाते हैं. इसके बाद दुकानों की बोली लगाई जाती है. मगर टेंडर कैसे मिलेगा?
इसका सीधा सरल जवाब है पहला आओ, पहले पाओ यानी की आवेदनकर्ताओं की लिस्ट में जिन लोगों ने पहले अप्लाई किया होगा, उन्हें टेंडर मिलने की संभावना ज्यादा होती है.
ऐसे करें टेंडर के लिए अप्लाई
टेंडर अप्लाई करने के लिए आपको टेंडर नोटिस डाउनलोड करना होता है और इसमें टेंडर में किस प्रकार और कब भाग लेना है, ये सभी जानकारी आपको साइट पर मिल जाएगी. यहां आपको डॉक्यूमेंट्स की भी जानकारी भी दी जाती है. इसके लिए जरूरी दस्तावेज ऐसे होते हैं- पैन कार्ड, टेंडर डॉक्यूमेंट, एड्रेस प्रूफ, पासपोर्ट साइज फोटो और 1770 रुपये फीस जमा करनी पड़ती है.
कैसे होता है Shop Allotment?
टेंडर में हिस्सा लेने के बाद जब बोली लगाई जाती है तो आवेदनकर्ता उसमें भाग लेते हैं. दुकानों पर बोली लगाते हुए जो दुकान पर सही दाम देता है, उन्हें अलॉटमेंट हो जाती है. इसके बाद दुकान के लिए अप्लाई किया जाता है. दुकान मिलने के बाद DMRC के साथ एग्रीमेंट भी तैयार किया जाता है. यह लाइसेंस होता है. लाइसेंस के बाद आपको नगर निगम और फूड डिपार्टमेंट से भी दुकान के लिए लाइसेंस लेना होता है. इसके बाद दुकान खोली जाती है.
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