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किडनैप हुए बच्चे के साथ 10 साल तक क्या-क्या हुआ? जब आरोपी ही बन गया ‘पापा’

Noida News: नोएडा की थाना फेज-2 से किडनैप किए गए हिमांशु को बरामद कर उनके परिवार को सौंप दिया है। नोएडा पुलिस के इस काम की हर तरफ तारीफ हो रही है, लेकिन इस बीच एक सवाल लोगों के मन में उठ रहा है।

Noida News: अक्सर आपने फिल्मों और रियल लाइफ में देखा होगा कि किसी बच्चे का किडनैप होता है तो उसके साथ कुछ गलत हो जाता है, लेकिन इस कहानी में शायद बच्चे की किस्मत अच्छी थी। एक किडनैपर ने बच्चे का अपहरण इसलिए किया क्योंकि उसके पास बुढ़ापे का सहारा बनने के लिए कोई नहीं था। उसकी बीवी छोड़कर चली गई और बच्चा भी नहीं था। ऐसे में आरोपी ने एक बच्चे का किडनैप कर लिया। इसके बाद उसने इस बच्चे को 10 साल तक अपने बेटे की तरह पाला-पोसा। दूसरी ओर, 10 साल तक बच्चे के मां-बाप परेशान होते रहे। वे बेटे के मिलने की उम्मीद तक छोड़ चुके थे, लेकिन अचानक एक दिन ‘चमत्कार’ हुआ और उनका किडनैप हुआ बच्चा मिल गया। अब इस बच्चे के साथ 10 साल तक क्या-क्या हुआ? आइए जानते हैं…

आरोपी के बुढ़ापे की लाठी थी हिमांशु

नोएडा पुलिस ने 10 साल पहले थाना फेज-2 से किडनैप किए गए हिमांशु को बरामद कर उनके परिवार को सौंप दिया है। नोएडा पुलिस के इस काम की हर तरफ तारीफ हो रही है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने हिमांशु को बेटे की तरह पाला था।पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने हिमांशु का अपहरण नोएडा के थाना फेज-2 क्षेत्र से किया था। इस दौरान उसने हिमांशु की बेटे की तरह परवरिश की। वह हिमांशु को अपने बुढ़ापे की लाठी मानता था। उसके जेल जाने के बाद हिमांशु उसके भाई राजू के पास रह रहा था। हिमांशु भी मंगल को पिता मानता था और राजू को चाचा कहता था, लेकिन वह अपने असली माता-पिता को नहीं भूला था। पुलिस के मुताबिक, जब हिमांशु अपने असली परिजनों से मिला तो वह उन्हें तुरंत पहचान गया।

बीमार होने पर प्राइवेट अस्पताल में कराया इलाज

सूत्रों से पता चला है कि करीब 4 साल पहले हिमांशु काफी बीमार पड़ गया था। तब आरोपी मंगल और उसके भाई राजू ने हिमांशु को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। कई दिनों तक भर्ती रहने के बाद हिमांशु ठीक हो पाया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मंगल ने हिमांशु से कभी भी कोई गलत काम नहीं कराया। वह उसका बहुत ख्याल करता था।

रिक्शा चलाता मिला हिमांशु

सूत्रों से पता चला है कि हिमांशु रिक्शा चलाता था। वह किराये पर रिक्शा लेकर उसे चलाता था। वह जो पैसा कमाता था उसे मंगल और राजू को दे देता था। मंगल ही हिमांशु को खर्चे पानी के लिए पैसे देता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में भी हिमांशु ने मंगल और उसके भाई राजू पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया है।

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