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अंबाला: सूर्य किरण एरोबेटिक्स टीम में भी शामिल होंगी महिला लड़ाकू पायलट

लैंगिक असमानताओं की जंजीरों को तोड़कर भारतीय सेनाओं में महिलाओं की भूमिका का पिछले दो वर्षों में काफी बढ़ाया है। तीनों ही सेनाओं में महिलाओं की हर क्षेत्र में हिस्सेदारी को इस कदम से मजबूती मिली है।              

महिलाएं तैयार होने के बाद वायु सेना की सबसे अच्छी माने जाने वाली टीमों में भी आने वाले समय में अपना योगदान देंगी। देश ही नहीं विदेशों तक में अपनी प्रतिभा का लोहा मनाने वाली सूर्य किरण एरोबेटिक्स टीम में इस समय अधिकतर पुरुष फाइटर पॉयलट अपनी प्रतिभा दिखाते रहे हैं।                      

मगर जिस प्रकार से सरकार द्वारा महिलाओं की भागीदारी वायु सेना के क्षेत्र में भी बढ़ाई जा रही है। इससे तय है कि आने वाले समय में इस टीम में भी जल्द ही महिला लड़ाकू पायलट भी नजर आएंगी।                          

उन्होंने पुरुषों की तरह ही समाज चयन प्रक्रिया से गुजरकर एरोबेटिक के लिए चयन पाना होगा। गौरतलब है कि हाल ही में अंबाला के एयरफोर्स स्टेशन में भारतीय वायु सेना की नंबर 5 स्क्वाड्रन के 75 वर्ष पूरे होने पर एयर शो आयोजित किया गया। जहां एक तरफ सूर्य किरण टीम हवा में अपना करतब दिखा रही थी तो दूसरी तरफ सूर्य किरण टीम में शामिल महिला वायु वीर उद्घोषणा प्रणाली के जरिए संबोधित करती हुई दिखाई दी थी। एयर शो के दौरान कुछ महिला वायु सेना अफसरों ने भी इच्छा जताई थी कि महिलाएं भी सूर्य किरण टीम में करतब दिखाएं।                      

बेटियों को मिलेगा प्रोत्साहन

अगर वायु सेना ने सूर्य किरण जैसी हवा में करतब दिखाने वाली टीम में महिला फाइटरों को शामिल किया तो एक बड़ा कदम होगा। ऐसे में लोग पुरुष पायलट ही नहीं बल्कि एक नारी की शक्ति को भी आसमान पर करतब दिखाते हुए देख सकेंगे। सिर्फ यह नहीं बल्कि इस कदम से कई बेटियां भी अपने आप को गौरवान्वित महसूस करेंगी और वायु सेना में जाने के लिए प्रति प्रेरित होंगी।

एरोबेटिक्स टीम का हिस्सा बनना चुनौती

सूर्य किरण एरोबेटिक्स टीम का गठन 1996 में किया गया था। ये टीम भारतीय वायु सेना के 52वें स्क्वाड्रन का हिस्सा है। इस टीम के विमानों से ही भारतीय वायुसेना अपने फाइटर जेट के पायलटों को युद्धाभ्यास के लिए प्रशिक्षण देती है। सूर्य किरण एरोबेटिक्स टीम में नौ विमान होते हैं, जो आसमान में जबरदस्त कलाबाजियां दिखाते हैं। इस टीम का हिस्सा होना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसके लिए कड़े परिश्रम के साथ कोर्स करना होता है। हवा सहित तमाम चुनौतियों पर संतुलन रखना होता है। इन एरोबेटिक्स कोर्स को पास करने के लिए कड़ी चुनौतियों से एक पॉयलट को गुजरना होता है। हालांकि वायु सेना में महिलाओं को लेकर अब अधिक ध्यान दिया जा रहा है इस कारण से निश्चित है कि इस क्षेत्र में ही भविष्य में महिला पॉयलट आएंगी।

चयन प्रक्रिया से गुजर सकेंगी ये लड़ाकू पायलट

भारतीय वायु सेना के प्रवक्ता ने बताया कि सूर्य किरण एरोबेटिक्स टीम में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट शामिल हैं। जिन्होंने कुछ व्यावसायिक योग्यताएं हासिल की हैं और जो एरोबेटिक्स प्रदर्शन के विशिष्ट कार्य के लिए स्वेच्छा से काम करते हैं। वह अपनी स्वेच्छा से पोस्टिंग के लिए विचार किए जाने से पहले एक चयन प्रक्रिया से गुजरते हैं। भारतीय वायुसेना की महिला अधिकारियों को अपने पुरुष समकक्षों की तरह ही सभी शाखाओं में शामिल होने की अनुमति है। महिला लड़ाकू पायलट जो टीम के लिए स्वेच्छा से काम करना चुनती हैं, उन्हें टीम में तैनाती के लिए चयन के लिए उसी प्रक्रिया से गुजरना होगा।

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