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UP: ऑनलाइन सट्टा… एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हड़पने का अनुमान, दुबई से ऑपरेट कर रहा था मास्टरमाइंड

क्रिकेट, फुटबॉल व अन्य सभी प्रकार के खेल व अन्य माध्यम से सट्टेबाजी कराने वाले गिरोह ने म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल किया है। एक ऑनलाइन सट्टा एजेंसी की छानबीन में जानकारी सामने आई है कि 15 से 16 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है।संभल में सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के माध्यम से करोड़ों रुपये के लेनदेन का मामला संभल पुलिस ने पकड़ा है। गिरोह बैंक खातों के जरिए करोड़ों रुपयों का लेनदेन कर रहा था। संभल स्थित एएसपी कार्यालय में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि यह कार्रवाई एक एजेंसी के खिलाफ हुई है जो फर्जी तरीके से लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर रही थी।

इसमें दो वर्ष के अंदर 16 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन हुआ है। मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।आरोपियों ने बताया है कि इस तरह की 100 एजेंसियां देशभर में काम करती हैं। पुलिस के मुताबिक इससे स्पष्ट है कि कई सौ करोड़ का लेनदेन हुआ है।

गिरोह के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। एसपी ने बताया कि चंदौसी के संभल गेट निवासी दीनदयाल और उनकी पत्नी मीना को पंजाब नेशनल बैंक में तैनात रिकवरी एजेंट ऋषिपाल यादव ने 13 अक्तूबर 2023 को 10-10 हजार रुपये का लोन दिलाया था। इसके बाद दंपती का एटीएम, पासबुक अपने पास रख लिया था।

कुछ समय पहले आयकर विभाग से 91 हजार रुपये रिकवरी का नोटिस दंपती को मिला। इसमें बताया कि मीना के खाते से 1.69 करोड़ और दीनदयाल के खाते से 1.70 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। नोटिस के मिलने के बाद दंपती ने 14 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई।

छानबीन में पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने जांच की तो सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म एजेंसी में खातों का इस्तेमाल पाया गया। छानबीन में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें बदायूं के गांव कोठा निवासी ऋषिपाल यादव, चंदौसी के बह्म बाजार निवासी अमित वार्ष्णेय, हरियाणा के मूल निवासी व हाल चंदौसी की पंजाबी कॉलोनी निवासी इंगित कोहली, पंजाब के जिला फजिल्का निवासी पवन कुमार और नेपाल के जिला कंचनपुर निवासी पुष्कर सारकी शामिल हैं।

सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म एजेंसी में ब्रांच हेड इंगित कोहली
एसपी ने बताया कि इंगित कोहली दिल्ली में एक सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म एजेंसी में ब्रांच हेड है। अमित वार्ष्णेय का साथी है और इंगित ने ही अमित से खाते उपलब्ध कराने के लिए कहा था। इसके बदले 20 हजार रुपये मिलते थे। इसमें ऋषिपाल और अमित 10-10 हजार रुपये बांट लिया करते थे। आरोपियों के कब्जे से विभिन्न बैंक खातों के 183 चेक, 40 बैंकों के क्रेडिट व डेबिट कार्ड, 17 क्यूआर कोड स्कैनर, 5 पीओएस डिवाइस, 3 लैपटॉप, 21 मोबाइल, 20 सिम बरामद किए गए हैं।

एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हड़पने का अनुमान
क्रिकेट, फुटबॉल व अन्य सभी प्रकार के खेल व अन्य माध्यम से सट्टेबाजी कराने वाले गिरोह ने म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल किया है। एक ऑनलाइन सट्टा एजेंसी की छानबीन में जानकारी सामने आई है कि 15 से 16 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। इस तरह की 100 एजेंसियां देशभर में सट्टेबाजी करा रही हैं। इस हिसाब से एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा इस गिरोह ने हड़प लिए हैं।

इस गिरोह ने म्यूल अकाउंट के लिए लोगों को झांसे में लिया और उनके बैंक खातों से करोड़ों रुपये के लेनदेन कर दिए। पुलिस को 183 विभिन्न बैंक खातों के चेक मिले हैं। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि इन सभी खाताधारकों से संपर्क किया जाएगा। आशंका है कि इन सभी खाताधारकों के खाते भी म्यूल अकाउंट के रूप में इस्तेमाल किए गए हैं। पुलिस का अनुमान है कि देशभर में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन म्यूल अकाउंट से किया गया है।

यह गिरोह देशभर में सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को ठग रहा है। एसपी ने बताया कि सट्टेबाजी एजेंसी के ब्रांच हेड इंगित कोहली ने बताया है कि खाते उपलब्ध कराने के लिए अमित वार्ष्णेय को जिम्मेदारी दी थी। वह ऋषिपाल यादव के साथ मिलकर खाते उपलब्ध कराता था। इंगित कोहली ने नेपाल निवासी पुष्कर सारकी और उसके परिवार के लोगों के खातों का भी इस्तेमाल कर रहा था।

इंगित कोहली का क्लासमेट रहा है अमित वार्ष्णेय, बन गया गिरोह का हिस्सा
इंगित कोहली सट्टेबाजी की फ्रेंजाइजी में ब्रांच हेड है। यह फ्रेंजाइजी दिल्ली के शालीमार बाग में संचालित हो रही थी। इसका मालिक जय कक्कड़ और आदित्य गुप्ता हैं। इंगित कोहली ने बताया कि अमित वार्ष्णेय उसका क्लासमेट रहा है। उसने ही म्यूल अकाउंट उपलब्ध कराने के लिए कहा था। इसके बाद ही वह बैंक रिकवरी एजेंट ऋषिपाल यादव से मिला और प्रति म्यूल अकाउंट उपलब्ध कराने के 20 हजार रुपये दिए जाते थे।

लोगों को लोन दिलाने और उनका लोन माफ कराने व अन्य प्रकार के झांसे देकर खाता खुलवाते थे और वह पासबुक, एटीएम सट्टेबाज गिरोह को दे दिया करते थे। गिरोह खाते में तीन से चार दिन लेनदेन करती थी और जब वह फ्रीज हो जाता था तो उसको छोड़ दिया जाता था क्योंकि जो लोग ऑनलाइन सट्टा लगाते थे और हारने के बाद वह शिकायत कर देते थे। इस कारण खाते फ्रीज हो जाते थे। इसलिए लगातार अकाउंट की आवश्यकता रहती थी।

क्या होते हैं म्यूल अकाउंट्स
म्यूल अकाउंट्स की बात करें तो ये वो खाते होते हैं जिनका इस्तेमाल साइबर ठग करते हैं. दरअसल ठग फ़्रॉड की राशि को अपने खाते में नहीं लेते हैं, इसके लिए वो दूसरे खातों का इस्तेमाल करते हैं, जिसके लिए उस संबंधित अकाउंट होल्डर को कुछ पैसे कमीशन के तौर पर दिए जाते हैं।

लालच देकर खाते का इस्तेमाल करने का भी अंदेशा
पुलिस को अंदेशा है कि सट्टेबाज गिरोह ने लोगों को लालच देकर नए खाते खुलवाए और उनका इस्तेमाल किया। लोग अपने खाते को लेकर भूल गए और उन खातों का इस्तेमाल होता रहा। जब बड़ा लेनदेन हुआ तो उनको बैंक ने फ्रीज कर दिया। पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है। चेक मिले हैं उनके खातेधारक और उनकी बैंक डिटेल भी पुलिस खंगालेगी। जिससे सही लेनदेन सामने आ सके। एसपी का कहना है कि जो चेक मिले हैं उसमें ज्यादातर दिल्ली व दूसरे प्रदेश के हैं। यह सभी चेक ब्लैंक हैं।

दुबई से ऑपरेट होता सट्टा, इसमें सभी को ठगा जा रहा
एसपी ने बताया कि यह सट्टा दुबई से ऑपरेट किया जा रहा है। इसके मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है। इस सट्टेबाजी में लोगों को गुमराह किया जाता है। पहले लाभ दिया जाता है और बाद में सारी धनराशि खत्म कर दी जाती है। ऐसे में लोग शिकायत भी नहीं कर पाते और किसी से कह भी नहीं पाते। इसका ही लाभ इस तरह के गिरोह उठा रहे हैं। लोगों को आर्थिक हानि हो रही है लेकिन लोग सतर्कता नहीं बरत रहे।

ऑनलाइन सट्टेबाजी से लोगों को ठगा जा रहा है। इसमें मामूली लाभ देकर भारी नुकसान दिया जाता है। इसलिए ऐसे ऑनलाइन प्लेटफार्म से बचना चाहिए। यह गिरोह पूरे देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी से ही ठगी कर रहा है। -कृष्ण कुमार विश्नोई, एसपी, संभल

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