घंटों तक कंप्यूटर-लैपटॉप के सामने बैठे रहने से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। सबसे बड़ी समस्या है कंधे जाम होने की। ऑफिस कार्य करने वाले युवाओं में तेजी से ये बीमारी बढ़ रही है।
कंप्यूटर-लैपटॉप पर घंटों कार्य करने से कंधे जाम यानी फ्रोजन शोल्डर हो रहा है। सूजन-दर्द से रोजमर्रा के कामकाज में भी परेशानी होने लगी है। ऑफिस कार्य करने वाले युवा इनमें अधिक हैं। शनिवार को होने वाली शोल्डर कॉन्क्लेव में कंधे की ऐसी ही समस्या और उसके उपाय पर विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे।
आगरा आर्थोपेडिक सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अतुल अग्रवाल ने बताया कि कामकाजी युवा मोबाइल-लैपटॉप पर एक ही मुद्रा में औसतन 4-5 घंटे काम कर रहे हैं। इससे उनके कंधे की मांसपेशियां जकड़ जाती हैं और रक्त संचार प्रभावित होता है। लंबे समय तक ऐसा बना रहने से कंधे जाम होने लगते हैं। हाथ ऊपर करने, घुमाने, वजन उठाने पर भी दर्द होता है। सचिव डॉ. अनुपम गुप्ता ने बताया कि कंधे में चोट और फ्रैक्चर की तरह कंधे जाम होने की परेशानी तेजी से बढ़ रही है। इसका असर गर्दन, कमर और रीढ़ की हड्डी पर भी पड़ने लगता है। बीमारी बढ़ने के बाद मरीज चिकित्सकों के पास पहुंचते हैं।
वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय चतुर्वेदी ने बताया कि महिलाओं में भी यह परेशानी बढ़ रही है। मोटापा और गर्दन पर बढ़ती चर्बी से भी कंधे और हाथों की कार्य क्षमता प्रभावित होती है। हाथ पीठ पर नहीं पहुंच पाते, कपड़े पहनने-कंघी करने तक में दिक्कत होती है। व्यायाम और फिजियोथेरेपी का सहारा लेना पड़ता है। अनदेखी करने पर बीमारी बढ़ती जाती है।
इन बातों का रखें ख्याल
– कंधे को लचीला रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।
– रात को सोते वक्त हाथों को सिर के नीचे नहीं रखें।
– कंप्यूटर-लैपटॉप पर 30-40 मिनट कार्य के बाद ब्रेक लें।
– लेटकर, आढ़े-तिरछे होकर कंप्यूटर-लैपटॉप पर कार्य न करें।
– नियमित 40 मिनट से अधिक व्यायाम करें, वजन न बढ़ने दें।
– कंधे को लचीला रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।
– रात को सोते वक्त हाथों को सिर के नीचे नहीं रखें।
– कंप्यूटर-लैपटॉप पर 30-40 मिनट कार्य के बाद ब्रेक लें।
– लेटकर, आढ़े-तिरछे होकर कंप्यूटर-लैपटॉप पर कार्य न करें।
– नियमित 40 मिनट से अधिक व्यायाम करें, वजन न बढ़ने दें।
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