उन्नाव। दिवाली के उत्सव के मद्देनजर उन्नाव में समाजसेवी और ‘नर सेवा नारायण सेवा’ के संस्थापक विमल द्विवेदी ने एक अनोखी पहल की है। उन्होंने स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय कुम्हारों से 1 लाख 51 हजार मिट्टी के दीयों को खरीदा और उन्हें शहर के मुख्य बाजारों तथा प्रमुख मार्गों पर स्वयंसेवकों के माध्यम से आम जनता में वितरित किया।
इस पहल का उद्देश्य केवल दीये बांटना नहीं था, बल्कि लोगों में स्वदेशी अपनाने और स्थानीय कारीगरों को सम्मान देने का संदेश भी देना था। विमल द्विवेदी का कहना है कि यह समय देशवासियों के लिए स्वदेशी अपनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है। उन्होंने विशेष रूप से विदेशी वस्तुओं और ऑनलाइन शॉपिंग का विरोध करते हुए कहा कि यदि हम स्थानीय उत्पादों का उपयोग करेंगे, तो इससे न केवल कारीगरों की आजीविका मजबूत होगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी।
विमल द्विवेदी ने बताया कि उनका संगठन कई वर्षों से यह अभियान चला रहा है और हर साल दिवाली से पहले स्थानीय कुम्हारों से दीये खरीदकर उन्हें उचित मूल्य देता है। इस वर्ष भी उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को सशक्त बनाने के लिए यह कदम उठाया।
दीये वितरण के दौरान मुख्य बाजारों में लोगों में उत्साह देखा गया। बच्चे, व्यापारी और आमजन स्वदेशी के समर्थन में आगे आए। कई दुकानदारों ने इस दीपावली पर केवल स्वदेशी वस्तुएं बेचने और खरीदने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर विमल द्विवेदी ने कहा, “देश की आत्मनिर्भरता तभी संभव है जब हर नागरिक अपने स्तर पर स्वदेशी अपनाने और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने में योगदान देगा। हमारा उद्देश्य भी यही है कि हम कुम्हारों और स्थानीय कारीगरों को सम्मान और रोजगार दें।”
इस पहल को देखकर यह स्पष्ट है कि स्वदेशी अपनाना केवल एक आर्थिक कदम नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी भी है।
बाइट:
विमल द्विवेदी, प्रांतीय मंत्री, हिंदू जागरण मंच
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