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उन्नाव में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित किया विशाल जागरूकता शिविर, आमजन को दी गई मानसिक स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जानकारी

उन्नाव: स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जिले में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक विशाल शिविर और संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिले के लिए मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।

इस कार्यक्रम के अध्यक्ष जिलाधिकारी गौरांग राठी रहे, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सदर विधायक पंकज गुप्ता उपस्थित रहे। इसके अलावा उमा शंकर दीक्षित, जिला चिकित्सालय (पुरुष), उन्नाव, और जिला स्वास्थ्य समिति के सदस्य भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

मुख्य अतिथि पंकज गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि आज की तेजी से बदलती जीवनशैली और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के दौर में मानसिक स्वास्थ्य का महत्व पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद जैसी समस्याएं आती हैं। यदि इन पर समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह गंभीर परिणाम ला सकती हैं। इसलिए केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बराबर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि जीवन को आनंदमय और संतुलित तरीके से जिया जा सके।

शिविर में विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने आमजन को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आम समस्याओं, उनके लक्षण और रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लोगों को तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं के प्रति सजग रहने और समय पर चिकित्सकीय सहायता लेने की सलाह दी।

इस प्रकार के कार्यक्रम जिले के हर नागरिक के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश हैं कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना उतना ही आवश्यक है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य पर। जिला स्वास्थ्य समिति और स्वास्थ्य विभाग लगातार इस प्रकार के शिविर और संगोष्ठियों का आयोजन कर रहे हैं, ताकि लोग मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझें और अपने जीवन में संतुलन बनाए रखें।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने इस आयोजन की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाते हैं और जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।

बाइट:
पंकज गुप्ता, सदर विधायक उन्नाव:
“मानसिक स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति के जीवन का अहम हिस्सा है। समय पर जागरूकता और सहायता से हम तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं से बच सकते हैं।”

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