सूर्योदयः- प्रातः 06:36:00
सूर्यास्तः- सायं 05:24:00
विशेषः- शनिवार के दिन पीपल के नीच हनुमान चालीसा पढ़ने और गायत्री मंत्र का जाप करने से भय नहीं लगता है और समस्त बिगड़े काम बनने लगते हैं।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शिशिर ऋतु
मासः- माघ माह
पक्षः– कृष्ण पक्ष
तिथिः- द्वादशी तिथि 05 बजकर 46 मिनट तक तदोपरान्त त्रयोदशी
तिथि स्वामीः- द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं तथा त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं।
नक्षत्रः- मूल 26:49:41 तक तदोपरान्त पूर्वा अषाढ़ा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- मूल नक्षत्र के स्वामी केतु जी हैं तथा पूर्वा अषाढ़ा नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव जी हैं।
योगः- व्याघात 18:01:48 तक तदोपान्त हर्षण
गुलिक कालः– शुभ गुलिक काल 07:11:00 A.M से 08:31:00 A.M तक
दिशाशूलः- आज के दिन पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना ज्यादा आवश्यक हो तो घर से अदरक खाकर जायें।
राहुकालः– आज का राहुकाल 09:52:00 A.M से 11:13:00 A.M तक
तिथि का महत्वः- यह तिथि यात्रा को छोड़कर सभी धार्मिक कार्यों के लिए शुभ मानी गयी है।
“हे तिथि स्वामी, नक्षत्र स्वामी, योग स्वामी, दिन स्वामी, आप पंचाग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”