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SSC परीक्षा घोटाले के विरोध में ‘एक उम्मीद’ संस्था का पैदल मार्च, EDUQUITY का पुतला दहन

कानपुर देहात। SSC परीक्षा घोटाले को लेकर देशभर के युवाओं में गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को कानपुर देहात में सामाजिक संस्था “एक उम्मीद” द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहे छात्रों के आंदोलन को समर्थन देने के उद्देश्य से इस प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें EDUQUITY कंपनी का प्रतीकात्मक पुतला दहन कर भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ गहरी नाराजगी जाहिर की गई।

यह प्रदर्शन दोपहर 3 बजे सिकंदरा के राजेंद्र नगर से शुरू हुआ, जो नारेबाजी और बैनर-पोस्टरों के साथ पटेल चौक तक पैदल मार्च के रूप में निकाला गया। मार्च में सैकड़ों छात्रों और संस्था के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिन्होंने “EDUQUITY मुर्दाबाद”, “SSC घोटाला बंद करो”, और “युवाओं के हक़ में इंकलाब ज़िंदाबाद” जैसे नारे लगाकर विरोध दर्ज कराया।

प्रदर्शन का नेतृत्व संस्था की राष्ट्रीय सचिव दीक्षा यादव और अमित यादव ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा,

“SSC जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में लगातार हो रहे पेपर लीक और घोटाले, युवाओं के भविष्य के साथ खुला मज़ाक हैं। सरकार को चाहिए कि वह EDUQUITY जैसी एजेंसियों की भूमिका की गहन जांच कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह आंदोलन और भी व्यापक रूप लेगा।”

इस विरोध प्रदर्शन में प्रदेश एवं जिला स्तर के कई पदाधिकारी शामिल हुए। प्रमुख चेहरों में शामिल रहे:

  • सीता यादव (प्रदेश अध्यक्ष)

  • मंजीत यादव (प्रदेश उपाध्यक्ष)

  • फैसल अंसारी (प्रदेश महासचिव)

  • चरण सिंह यादव (जिलाध्यक्ष, कानपुर देहात)

  • पवन सिंह चौहान (जिलाध्यक्ष, कानपुर ग्रामीण)

  • प्राची कटियार (महिला मोर्चा जिला सचिव)

  • लारेब नक़वी (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष)

  • आर्यन शर्मा (जिला मीडिया प्रभारी)

  • उमेश भार्गव, अभिषेक गुप्ता, लता कश्यप, रोहित वर्मा, सरिता जौहरी समेत अनेक युवा कार्यकर्ता और छात्र।

 

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प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल की मौजूदगी में कार्यक्रम शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। स्थानीय प्रशासन ने भी इस बात की पुष्टि की कि प्रदर्शन के दौरान कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी।

संस्था ने सरकार से स्पष्ट रूप से मांग की कि –

  1. EDUQUITY और इससे जुड़ी अन्य निजी भर्ती एजेंसियों के खिलाफ सख्त जांच और दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

  2. SSC और अन्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया को पूर्णत: पारदर्शी और डिजिटल ट्रैकिंग के अधीन लाया जाए।

  3. परीक्षा में धांधली के दोषियों को सार्वजनिक रूप से दंडित किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

छात्रों और युवाओं का कहना है कि यदि सरकार अब भी आंखें मूंदे रही, तो आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक तीव्र किया जाएगा।

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