कन्नौज में शुरू हुआ पल्स पोलियो अभियान, डीएम और सीएमओ ने पिलाई पोलियो की दवा, 2.77 लाख बच्चों को चिन्हित कर बनाई गई 827 टीमें

कन्नौज जनपद में सोमवार से पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत हो गई है। यह राष्ट्रीय स्तर का जनस्वास्थ्य अभियान देश से पोलियो जैसी गंभीर बीमारी को पूरी तरह समाप्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अभियान की औपचारिक शुरुआत जिलाधिकारी आशुतोष मोहन अग्निहोत्री और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. स्वदेश गुप्ता ने संयुक्त रूप से की। उन्होंने जिला अस्पताल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में फीता काटकर शुभारंभ किया और एक नवजात शिशु को पोलियो की दो बूंदें पिलाकर अभियान का आगाज किया।
जन-जागरूकता रैली निकाली, लोगों से की अपील – “हर बच्चे को ज़रूर पिलाएं पोलियो की दो बूंदें”
अभियान के शुभारंभ के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, और स्कूली बच्चों ने मिलकर जन-जागरूकता रैली निकाली। इस रैली में “दो बूंद ज़िन्दगी की” जैसे नारे गूंजते रहे। रैली का उद्देश्य लोगों को पोलियो के खतरे से अवगत कराना और उन्हें अपने पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दवा पिलाने के लिए प्रेरित करना था।
जिलाधिकारी ने कहा कि “यह अभियान तभी सफल होगा जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और कोई भी बच्चा पोलियो की दवा पीने से वंचित न रहे।” उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को बूथ पर लेकर आएं और यदि कोई बच्चा छूट जाए तो घर-घर पहुंचने वाली स्वास्थ्य टीम को सहयोग दें।
सीएमओ डॉ. स्वदेश गुप्ता ने दी जानकारी – जिले में 2.77 लाख बच्चों को चिन्हित किया गया
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वदेश गुप्ता ने बताया कि कन्नौज जिले की कुल आबादी में से 2 लाख 77 हजार 532 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें पोलियो की दवा पिलाई जानी है।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिलेभर में 827 विशेष टीमें गठित की हैं। इनमें आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम और स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल हैं। ये टीमें घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक देंगी ताकि कोई भी बच्चा छूट न सके।
सुरक्षा और निगरानी के लिए विशेष इंतज़ाम
सीएमओ ने बताया कि हर टीम की निगरानी के लिए 74 सुपरवाइजरों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, हाट-बाज़ारों, स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों पर भी पोलियो बूथ बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि “हमारा लक्ष्य 100% कवरेज का है। कोई भी बच्चा बिना पोलियो ड्रॉप के नहीं रहेगा।”
पड़ोसी देशों में अब भी मौजूद खतरा
डॉ. स्वदेश गुप्ता ने यह भी बताया कि विश्व स्तर पर पोलियो लगभग समाप्त हो चुका है, लेकिन अभी भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे कुछ देशों में पोलियो के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा,
“भारत भले ही पोलियो मुक्त घोषित हो चुका है, लेकिन जब तक दुनिया के हर देश से पोलियो पूरी तरह खत्म नहीं होता, हमें सावधान रहना होगा। क्योंकि किसी भी देश से यह वायरस दोबारा प्रवेश कर सकता है।”
इसी कारण भारत सरकार हर वर्ष पल्स पोलियो अभियान को लगातार चलाती है ताकि देश पूरी तरह सुरक्षित रहे।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के.पी. त्रिपाठी ने बताया – लोगों की जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के.पी. त्रिपाठी ने कहा कि पोलियो उन्मूलन में अबतक जनता का सहयोग बहुत अहम रहा है। उन्होंने कहा,
“जागरूकता ही पोलियो को जड़ से मिटाने का सबसे प्रभावी तरीका है। जब लोग खुद आगे आएंगे और अपने बच्चों को बूथ पर लेकर जाएंगे, तभी इस अभियान की सफलता सुनिश्चित होगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में जाकर यह सुनिश्चित करेंगी कि कोई बच्चा पोलियो ड्रॉप से वंचित न रहे।
डीएम आशुतोष मोहन अग्निहोत्री ने दी चेतावनी – लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
जिलाधिकारी ने कहा कि अभियान के दौरान यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रतिदिन अभियान की प्रगति की समीक्षा करें और किसी भी बाधा को तुरंत दूर करें।
ग्रामीण इलाकों में भी अभियान के लिए उत्साह
कन्नौज के विभिन्न ब्लॉकों में अभियान को लेकर काफी उत्साह देखा गया। कई ग्रामीण परिवार अपने बच्चों को लेकर पोलियो बूथों पर पहुंचे। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पोलियो की महत्ता समझा रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि कोई भी बच्चा छूट न जाए।
कन्नौज जिले में शुरू हुआ यह अभियान केवल प्रशासनिक पहल नहीं, बल्कि समाज की भागीदारी से जुड़ा एक राष्ट्रीय संकल्प है — “पोलियो मुक्त भारत” का।
डीएम और सीएमओ की अगुवाई में चल रहा यह मिशन अब सिर्फ दवा पिलाने का कार्य नहीं, बल्कि देश की नई पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देने का प्रयास है।
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