लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें की। उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश में नई राजनीति की शुरुआत हो गई है। हमारे प्रत्याशी, नया विकल्प देने वाले प्रत्याशी है।
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संघर्ष करने वाले प्रत्याशी, उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने की सोच रखने वाले प्रत्याशी और उत्तरप्रदेश की जीत सुनिश्चित करने वाले प्रत्याशी है। उन्होंने कहा कि, नई ऊर्जा, युवा ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय की बुलंद आवाज़ के प्रतीक हमारे प्रत्याशी है।
- उन्नाव की उस लड़की की मां हमारी प्रत्याशी है जिसने सत्ताधारी दल के बलात्कारी विधायक के ख़िलाफ़ न्याय का संघर्ष किया।
- शाहजहांपुर की वो आशा बहन हमारी प्रत्याशी है जो मुख्यमंत्री की सभा में अपना हक़ मांगने पहुंची तो उसको पीट-पीट कर उसका हाथ तोड़ दिया गया, लेकिन उनकी आवाज़ नहीं दबा सके
- लखीमपुर की वो जनप्रतिनिधि हमारी प्रत्याशी हैं जिसने भाजपा के ख़िलाफ़ ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की हिम्मत जुटाई तो भाजपा वालों ने उसका चीरहरण किया, लेकिन उसका मनोबल नहीं गिरा पाए ।
- लखनऊ की वो महिला हमारी प्रत्याशी हैं जिनको नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराने के चलते प्रताड़ित किया गया, लेकिन वो फिर भी सच्चाई के साथ डटी रहीं ।
- सोनभद्र का वो आदिवासी भाई हमारे प्रत्याशी है जिनके आदिवासी भाई बहनों का दबंगों ने नरसंहार किया। सत्ता ने उनके साथ न्याय नहीं किया लेकिन उन्होंने न्याय व संघर्ष का पथ नहीं छोड़ा ।
यूपी के असल मुद्दों पर संघर्ष करने वाली ये आवाज़ें हैं
हमारी लिस्ट में 40% महिलाएँ (125 में से 50 महिलाओं को टिकट)
युवाओं की संख्या: लगभग 40% युवाओं को टिकट (125 में से 45 युवा)
प्रत्याशियों की संघर्ष की कहानियां ?
आशा सिंह
उन्नाव में अपनी बेटी के बलात्कार के बाद सत्ताधारी भाजपा के विधायक के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी, उनके पति की हत्या तक कर दी गई।
रितु सिंह
ब्लॉक प्रमुख चुनावों में भाजपा की हिंसा
रितु सिंह को कैसे चुनाव लड़ने से रोका गया
उनके कपड़े फाड़े गए
रामराज गोंड
उम्भा में दबंगों द्वारा आदिवासियों का नरसंहार पूरे देश ने देखा
योगी सरकार ने न्याय देने के लिए कुछ नहीं किया
आदिवासियों के संघर्ष की मज़बूत आवाज़ बनकर उभरे
झटके में बीजेपी : कैबिनेट मंत्री धर्म सिंह सैनी और MLA विनय शाक्य ने भी दिया इस्तीफा
पूनम पांडेय
आशा बहनें कोरोना के समय उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जान थीं। उन्होंने अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना लगकर अपनी ड्यूटी दी। जब आशा बहनें मुख्यमंत्री की शाहजहाँपुर में अपना मानदेय बढ़ाने की मांग लेकर पहुंची उसमें पूनम पांडेय समेत सभी आशा बहनों को निर्ममता से पीटा गया। पूनम पांडेय न्याय की वो आवाज़ हैं जिन्होंने सम्मानजनक मानदेय की लड़ाई छोड़ी नहीं।
सदफ जफ़र
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के दौरान सदफ पर झूठे मुक़दमे लगाए गए
पुरुष पुलिस ने उन्हें पीटा
उनके बच्चों से अलग करके उनको जेल में डाला गया
सदफ सच्चाई के साथ डटी रहीं
अल्पना निषाद
नदियां निषादों की जीवनरेखा हैं। नदियों और उनके संसाधन पर निषादों का हक़ होता है।
बसवार, प्रयागराज में बड़े खनन मफ़ियाओं के दबाव के चलते निषादों को नदियों से बालू निकालने के लिए भाजपा सरकार की पुलिस ने पीटा
निषादों की नावें जलाई गईं
अल्पना निषाद निषादों के हक़ों के संघर्ष की आवाज़ बनीं
आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी के इस्तीफे की अटकलें तेज, सरकारी आवास और सरकार से मिली सुरक्षा को छोड़ा
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