लखनऊ। देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव के दिन नजदीक आने के साथ ही उत्तर प्रदेश में अटकलों का दौर जारी है. बीते दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि बहुजन समाज पार्टी का वोट, भारतीय जनता पार्टी को ट्रांसफर हुआ है तो अब मायावती को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बना देना चाहिए. अखिलेश के इस बयान पर मायावती ने कहा था कि उनका राष्ट्रपति बनने का सपना नहीं है, वह समाज के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री बन सकती है.
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने शुक्रवार को एक के बाद एक ट्वीट कर अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए लिखा, ‘सपा मुखिया यूपी में मुस्लिम व यादव समाज का पूरा वोट लेकर तथा कई-कई पार्टियों से गठबंधन करके भी जब अपना सीएम बनने का सपना पूरा नहीं कर सके हैं, तो फिर वो दूसरों का पीएम बनने का सपना कैसे पूरा कर सकते हैं?’
मायावती ने आगे लिखा, ‘इसके साथ ही, जो पिछले हुए लोकसभा आम चुनाव में, बसपा से गठबन्धन करके भी, यहां खुद 5 सीटें ही जीत सके हैं, तो फिर वो बसपा की मुखिया को कैसे पीएम बना पायेंगे? अतः इनको ऐसे बचकाने बयान देना बंद करना चाहिए।’
एक अन्य ट्वीट में बसपा मुखिया ने लिखा, ‘साथ ही, मैं आगे सीएम व पीएम बनूं या ना बनूं, लेकिन मैं अपने कमजोर व उपेक्षित वर्गों के हितों में देश का राष्ट्रपति कतई भी नहीं बन सकती हूं। अतः अब यूपी में सपा का सीएम बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं हो सकता है।’
अखिलेश के इस बयान पर किया मायावती ने ट्वीट
गौरतलब है कि गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक इफ्तार पार्टी में गए थे जहां उनसे मायावती के राष्ट्रपति न बनने वाले बयान पर सवाल किया गया। तब अखिलेश ने कहा है कि वे भी चाहते थे कि बसपा की मुखिया मायावती प्रधानमंत्री बनें। इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा से गठबंधन किया था। मैं खुश हूं, मैं भी यही चाहता था। पिछले चुनाव में इसी को लेकर गठबंधन किया गया था। अगर गठबंधन जारी रहता तो बसपा और डॉ. भीम राव अंबेडकर के अनुयायी देख सकते थे कि कौन प्रधानमंत्री बनता।