देवरिया जनपद में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना के बीच एक महिला पुलिस अधिकारी ने ऐसा कार्य किया जिसने न केवल एक महिला और उसके नवजात बच्चे की जान बचाई, बल्कि यह साबित किया कि वर्दी सिर्फ अनुशासन और कानून व्यवस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि संवेदना और करुणा की भी मिसाल हो सकती है।

घटना सदर कोतवाली क्षेत्र के कला गेट स्थित फैमिली मार्ट ग्राउंड फ्लोर के पास बने नाले के किनारे की है। सोमवार की सुबह स्थानीय लोगों ने देखा कि एक मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला प्रसव पीड़ा में तड़प रही थी, और थोड़ी ही देर बाद उसने वहीं खुले में बच्चे को जन्म दे दिया। महिला की स्थिति बेहद नाजुक थी, चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए।
महिला थाना प्रभारी ने दिखाई त्वरित कार्रवाई
स्थानीय लोगों ने जब यह दृश्य देखा तो तुरंत इसकी सूचना महिला थाना देवरिया को दी। जानकारी मिलते ही महिला थाना प्रभारी पूनम यादव ने बिना किसी देरी के अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया।
मौके की हालत देखकर उन्होंने तुरंत एंबुलेंस बुलवाई और अपने स्टाफ के सहयोग से उस महिला और नवजात को सुरक्षित अस्पताल भेजा। रास्ते भर महिला थाना प्रभारी खुद हालात पर नजर रखती रहीं ताकि मां और बच्चे को किसी तरह की दिक्कत न हो।
मेडिकल कॉलेज में मिला समय पर उपचार
महिला और नवजात को देवरिया मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने दोनों का तत्काल इलाज शुरू किया। डॉक्टरों के अनुसार, समय रहते अस्पताल पहुंचाने के कारण मां और बच्चे की जान बचाई जा सकी।
फिलहाल दोनों की स्थिति स्थिर है और नवजात को विशेष देखरेख में रखा गया है। वहीं, महिला की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे मनोचिकित्सक वार्ड में शिफ्ट किया गया है, जहाँ उसका उपचार जारी है।
स्थानीय लोगों ने की सराहना
इस घटना के बाद स्थानीय नागरिकों ने एसओ पूनम यादव की त्वरित और मानवीय कार्रवाई की जमकर सराहना की।
क्षेत्रीय समाजसेवी अरुण मिश्रा ने कहा —
“ऐसे समय में जब लोग तमाशबीन बने रहते हैं, पूनम यादव जैसी अधिकारी ने न सिर्फ मानवीय संवेदनशीलता दिखाई बल्कि पुलिस के प्रति समाज के भरोसे को भी मज़बूत किया है।”
वहीं, क्षेत्र के कई पत्रकारों और समाजसेवी संगठनों ने भी महिला थाना प्रभारी के इस कदम की प्रशंसा करते हुए उन्हें “इंसानियत की मिसाल” बताया।
प्रशासन ने भी लिया संज्ञान
घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने भी महिला की स्थिति का जायज़ा लेने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि महिला की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है और पुलिस उसकी पहचान व परिजनों की तलाश में जुट गई है।
महिला थाना प्रभारी पूनम यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा —
“यह हमारा कर्तव्य है कि किसी भी जरूरतमंद को मदद मिले। पुलिस सिर्फ अपराध रोकने के लिए नहीं, बल्कि इंसानियत निभाने के लिए भी बनी है।”
मानवता का जीवंत उदाहरण
यह घटना इस बात का जीवंत प्रमाण है कि पुलिस बल में संवेदना और करुणा की भावना जीवित है। जहां कई बार पुलिस पर कठोरता के आरोप लगते हैं, वहीं पूनम यादव जैसी अधिकारी यह साबित करती हैं कि वर्दी के अंदर भी एक ममता भरा दिल धड़कता है।
उनके इस कदम ने पूरे जिले में एक सकारात्मक संदेश दिया है कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक पुलिस की मदद पहुंच सकती है।
स्थानीय माहौल में चर्चा का विषय बनी घटना
देवरिया के कला गेट क्षेत्र में अब यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग इसे “मानवता की जीत” बता रहे हैं। दुकानदारों और राहगीरों का कहना है कि यह दृश्य बहुत दर्दनाक था, लेकिन जिस तरह महिला थाना प्रभारी ने बिना देर किए मौके पर पहुंचकर मदद की, उसने सबके दिलों में पुलिस के प्रति सम्मान बढ़ा दिया है।
घटना के मुख्य तथ्य
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स्थान: कला गेट, फैमिली मार्ट के पास, सदर कोतवाली क्षेत्र, देवरिया
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घटना: मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला ने खुले में बच्चे को जन्म दिया
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सूचना पर कार्रवाई: महिला थाना प्रभारी पूनम यादव ने त्वरित रूप से मां और बच्चे को अस्पताल भेजा
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इलाज: देवरिया मेडिकल कॉलेज में दोनों का इलाज जारी, स्थिति स्थिर
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प्रतिक्रिया: स्थानीय नागरिकों और प्रशासन ने की महिला थाना प्रभारी की सराहना
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जांच: पुलिस अब महिला की पहचान और परिजनों की खोज में जुटी
देवरिया में घटित यह घटना केवल एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि मानवता और संवेदनशीलता की एक प्रेरणादायक कहानी है।
महिला थाना प्रभारी पूनम यादव ने दिखाया है कि पुलिस की वास्तविक पहचान केवल कानून के पालन में नहीं, बल्कि ज़रूरतमंदों के दर्द को समझने और उनकी मदद करने में है।
उनकी यह पहल आने वाले दिनों में अन्य पुलिसकर्मियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
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