संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। हालांकि, इस बार संसद के शीतकालीन सत्र को इस लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि सरकार तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए एक विधेयक पेश करेगी, जिस पर दोनों सदनों में जोरदार बहस होने की संभावना है। इसके साथ ही रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार से किसानों के फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी को लेकर फौरन कानून बनाने के संबंध में कदम उठाने, पेगासस जासूसी मुद्दे, ईंधन की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की।
सर्वदलीय बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में 15-20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। सभी दलों ने मांग की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने पर सरकार तुरंत ध्यान दे।” खड़गे ने कहा, “हम सरकार को सहयोग करना चाहते हैं। अच्छे विधेयक आयेंगे, तब हम सरकार का सहयोग करेंगे। अगर हमारी बात नहीं मानी गई, तब सदन में व्यवधान की जिम्मेदारी सरकार की होगी।”
खड़गे ने कहा कि कुछ अन्य बड़े मुद्दे हैं, जिन्हें पार्टियों ने उठाया, जिसमें चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव का मुद्दा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा देने का विषय तथा महंगाई, पेट्रोल-डीजल एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव का मुद्दा भी बैठक में उठा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिजली संशोधन विधेयक पर भी सरकार से ध्यान देने को कहा गया है।
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