शहर के नेहरू नगर स्थित सुदर्शन हॉस्पिटल में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है। बीते गुरुवार रात लगभग 8:30 बजे, दलजीत सिंह का पुरवा निवासी सुनीता ने अपने नवजात बच्चे को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई, जिससे परिजनों में गहरा शोक और रोष व्याप्त है।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और नर्सों की लापरवाही के चलते यह त्रासदी हुई। सुनीता ने बताया कि “हमने अपने बच्चे को ठीक होने की उम्मीद में अस्पताल लाया था, लेकिन डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाही की वजह से हमारा बच्चा हमसे छिन गया।”
जानकारी के अनुसार, मृतक नवजात का इलाज करने वाले डॉक्टरों में अमेठी जनपद के जामों सीएचसी में तैनात डॉ. योगेंद्र सिंह भी शामिल थे, जो सुदर्शन हॉस्पिटल में निजी प्रैक्टिस करते हैं।
मृतक नवजात के परिजन घटना से अत्यंत गुस्से में हैं और उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की संभावना जताई है और फिलहाल मामले को संज्ञान में लिया गया है।
स्थानीय लोग और परिजन इस घटना को लेकर चिंता और नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नवजात बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही घातक साबित हो सकती है।
बाईट:
सुनीता (माँ): “हमने अपने बच्चे को बचाने के लिए अस्पताल लाया था, लेकिन उनका इलाज लापरवाहीपूर्ण था। हमारा बच्चा अब हमारे साथ नहीं है।”
बाईट:
रोहित कुमार (पड़ोसी): “ऐसी घटनाएँ हमारे समाज के लिए बेहद दुखद हैं। अस्पताल में जवाबदेही होनी चाहिए।”
निष्कर्ष:
घटना ने शहर में स्वास्थ्य सेवाओं और अस्पताल प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे मामलों में पारदर्शिता और समय पर कार्रवाई बेहद जरूरी है।
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