प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज और कल यानि 21 नवंबर को पुलिस मुख्यालय लखनऊ में पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी) के 56वें सम्मेलन में भाग लेंगे। शुक्रवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सम्मेलन का उद्घाटन किया था। आज और रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बैठक में शामिल होंगे। उनके आदेश पर पहली बार ये सम्मेलन हाइब्रिड तरीक़े से हो रहा है, जिसके लिए देश भर के क़रीब 200 सीनियर आईपीएस अफ़सर लखनऊ पहुंचे हैं, जबकि क़रीब 150 अफ़सर वर्चुअल तरीक़े से जुड़ेंगे।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुख लखनऊ में कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित होकर भाग लेंगे, जबकि शेष आमंत्रित व्यक्ति आईबी/एसआईबी मुख्यालय में 37 विभिन्न स्थानों से वर्चुअल तौर पर इसमें भाग लेंगे। सम्मेलन में साइबर अपराध, डेटा गवर्नेंस, आतंकवाद विरोधी चुनौतियों, वामपंथी उग्रवाद, मादक पदार्थों की तस्करी में उभरते रुझान, जेल सुधार सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
पीएम मोदी ने साल 2014 से डीजीपी सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी ली है। पहले की प्रतीकात्मक उपस्थिति के विपरीत, वे सम्मेलन के सभी सत्रों में भाग लेकर स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं को प्रोत्साहित करते हैं, जिससे शीर्ष पुलिस अधिकारियों को देश को प्रभावित करने वाले प्रमुख नीति-निर्धारण और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सीधे प्रधानमंत्री को जानकारी देने का अवसर मिलता है।
पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार, 2014 के बाद इस वार्षिक सम्मेलन को पहली बार दिल्ली से बाहर आयोजित किया गया है, जिसे परंपरागत रूप से दिल्ली में आयोजित किया जाता था। इसमें वर्ष 2020 का डीजीपी सम्मेलन एक अपवाद है, जिसे वर्चुअल तौर पर आयोजित किया गया था. सम्मेलन को 2014 में गुवाहाटी में, 2015 में धोर्डो, कच्छ की खाड़ी, 2016 में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद, 2017 में बीएसएफ अकादमी, टेकनपुर, 2018 में केवड़िया और 2019 में आईआईएसईआर, पुणे में आयोजित किया गया था।
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