लखनऊ। आगामी चुनाव को लेकर बसपा तैयारियों में जुटी हुई है। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने जनता को नववर्ष की शुभकामनाएं दी और कहा कि, चल रही इनकी वादाखिलाफी व अन्य घोर विफलताओं से भी हिम्मत नहीं हारना है, बल्कि हर प्रकार की सावधानी बरतते हुये व अपने संघर्ष के बल पर इनको अपना उज्जवल भविष्य खुद बनाना है और इसके लिए चुनाव में परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का एक व्यक्ति व एक वोट का दिया गया यह हथियार ऐसा सशक्त माध्यम है जिससे लोग देश में यहाँ सभी जन-विरोधी सरकारों को उचित लोकतान्त्रिक सजा दे सकते हैं।
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इसलिए अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड व पंजाब आदि इन राज्यों में होने वाले विधान सभा आमचुनाव में अपने इस हथियार के जरिये ही वर्तमान में चल रहे अपने बुरे दिनों से मुक्ति पाकर थोड़े अच्छे दिनों की तरफ सार्थक प्रयास अवश्य कर सकते हैं, यही बी.एस.पी. का नववर्ष सन 2022 की सही आकाक्षा व संदेश भी है।
सरकारी खर्चे से अपनी खूब चुनावी जनसभायें करती है भाजपा
इसके इलावा आज नववर्ष के खास मौके पर सावधानी के तौर पर में अपनी पार्टी के लोगों को यह भी कहना चाहती हूँ कि, जब बीजेपी व कांग्रेस आदि केन्द्र व जिन भी राज्यों की सत्ता में आसीन होती हैं तो फिर ये पार्टियाँ केन्द्र व सम्बन्धित राज्यों में चुनाव घोषित होने से लगभग दो-ढाई महीने पहले अपनी खूब ताबड़तोड़ हवा-हवाई घोषणायें, शिलान्यास, उद्घाटन व लोकार्पण आदि करती हैं और उनकी आड़ में सरकारी खर्चे से अपनी खूब चुनावी जनसभायें भी करती है, जिसपर इनकी पार्टी का नहीं बल्कि हमारी आम जनता का ही सरकारी पैसा पानी की तरह काफी बेदर्दी से बहा दिया जाता है जिसमें अधिकांश आधी भीड सरकारी कर्मचारियों की व आधी भीड़ टिकटार्थियों की ही होती है, जैसाकि अब हमें यहाँ उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड व पंजाब स्टेट आदि में देखने के लिए मिल रहा है।
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साथ ही, दूसरी पार्टियों के सत्ता के होने की वजह से फिर यह पार्टियाँ कटाक्ष करना भी भूल जाती है अर्थात फिर ये पार्टियाँ सत्ता में आने से पहले हमारी पार्टी की तरह ही चुनाव घोषित होने के नजदीक केवल स्टेट लेवल पर व कार्यकर्ताओं की विभिन्न स्तर पर अधिकांश: अपने-अपने कार्यालयों पर ही अपनी तैयारी करती हैं। यह सब इन पार्टियों के साथ-साथ मीडिया को भी मालूम है।
हमारी पार्टी गरीबों और मजलूमों की पार्टी है- मायावती
वैसे भी इन सब मामलों में हमारी पार्टी इन पार्टियों की नकल करने में विश्वास नहीं रखती है, बल्कि अपनी पार्टी के लोगों की आर्थिक स्थिति को ही ध्यान में रखकर पूरे सूझबूझ से भी काम करती है। क्योंकि मुझे इस बात का एहसास है कि यदि मैं इन पार्टियों की तरह, इनकी नकल करके आए दिन खूब जनसभायें आदि करती हूँ तो फिर मेरे लोग चुनाव के समय में जनसभाओं आदि के लिए ज्यादा आर्थिक बोझ नहीं उठा पायेंगे क्योंकि हमारी पार्टी गरीबों और मजलूमों की पार्टी है। दूसरी पार्टियों की तरह बड़े-बड़े पूजीपतियों व धन्नासेठों की पार्टी नहीं है। हमारी पार्टी राजनीतिक पार्टी होने के साथ-साथ एक मूवमेन्ट भी है और यदि हम दूसरों की नकल करेंगे तो इससे फिर पार्टी को धन के आभाव होने पर चुनाव में काफी कुछ नुकसान पहुँच सकता है।
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कहने का तात्पर्य यह है कि चुनाव की तैयारी को लेकर हमारी पार्टी की अलग कार्यशैली व तौर-तरीके हैं, जिसे हम बदलना नहीं चाहते है। चाहे तो विरोधी पार्टियाँ खूब कटाक्ष करें या मीडिया भी खूब उलटा-सीधा लिखे। लेकिन चुनाव की तैयारी को लेकर हमारी पार्टी की अलग कार्यशैली है व तौर-तरीके है जिसे हम बदलना नहीं चाहते हैं। वैसे भी हमारी पार्टी की इस कार्यशैली के लिए दूसरी पार्टियों को हमारी चिन्ता नहीं करनी चाहिये, हमें खुद अपनी पार्टी की चिन्ता है।
नए साल पर चुनाव में बेहतर रिजल्ट आना चाहिए
इसलिए आज मैं नववर्ष के मौके पर पूरे देश में अपनी पार्टी के लोगों को यही कहना चाहती हूँ कि हमारी पार्टी का खासकर चुनाव के दौरान कार्य करने का जो तौर-तरीका व कार्यशैली है, तो उन्हें उसपर ही अमल करके अपनी पार्टी का इस चुनाव में बेहतर रिजल्ट लाना चाहिये।
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और यदि हम इस मामले में दूसरी पार्टियों की नकल करते हैं तो उनके पास पैसा सरकार के साथ-साथ बड़े-बड़े पूँजीपतियों व धन्नासेठों के पास से भी खूब आता है, जिनको फायदा पहुँचाने के लिए ये पार्टियाँ शुरू से ही यहाँ गरीबों व कमजोर तबकों का लगातार शोषण करती आ रही हैं। इस खास अपील व अनुरोध के साथ ही अब मैं पुनः पूरे देशवासियों व अपनी पार्टी के लोगों को भी नववर्ष सन् 2022 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें देती हूँ।
वैष्णो देवी मंदिर परिसर में हुई घटना पर जताया दुख
इसके साथ-साथ, यहाँ मैं यह कहना चूहती हूँ कि इस नववर्ष के पहले दिन जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी मन्दिर में दर्शन के दौरान जो वहाँ बड़ा हादसा हुआ है, जिसमें कई लोगों की मृत्यु हो गई है व बड़ी संख्या में लोग वहाँ बुरी तरह से घायल भी हो गये है, यह अति दुःखद घटना है। कुदरत से मैं यही प्रार्थना करती हूँ कि इस दुःख को सहन करने की पीडित परिवार को हिम्मत व हौसला जरूर दे।
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लेकिन इस घटना को लेकर अति दुःख इस बात का भी है कि अभी तक मीडिया के माध्यम से जो तथ्य सामने आ रहे हैं तो उसमें सरकार की ज्यादा लापरवाही हमें नज़र आ रही है। सरकार इसपर जरूर गम्भीरता से चिन्तन करे ताकि भविष्य में ऐसी घटना की कभी भी पुनरावृति ना हो सके। इन्हीं जरूरी बातों की साथ ही अब मैं अपनी बात यहीं समाप्त करती हूँ। धन्यवाद, जय भीम व जय भारत
लोगों ने बीजेपी को सबक सिखाना शुरू कर दिया है
इसके अलावा, सुश्री मायावती ने उत्तर प्रदेश व देश के वर्तमान हालात का संज्ञान लेते हुये कहा कि, जब किसी पार्टी या सरकारों को किसी भी आन्दोलन व संघर्ष आदि से नहीं फर्क पड़ता हो और जन आन्दोलनों को सरकारी शक्ति व संसाधन के बल पर हर प्रकार से दबाया एवं कुचला जाता है तो लोगों के सामने एक संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक रास्ता बच जाता है और वह है चुनाव में हराकर सबक सीखाना, जैसाकि वर्तमान में खासकर बीजेपी का मामला है जो चुनावी पराजयों के अलावा और दूसरी कोई भाषा समझना ही नही चाहती है। यही कारण है कि देश भर में लोगों ने अब बीजेपी को लगभग हर चुनावों में सबक सिखाना शुरू कर दिया है।
नववर्ष के मंगलमय होने की कामना
कुल मिलाकर, कल का बीता वर्ष सन 2021 कोरोना महामारी और केन्द्र व राज्य सरकारों के गलत कार्यकलापों व जनविरोधी रवैयों के कारण चाहे कितना ही बुरा बीता हो लेकिन जाते-जाते नये साल में प्रारम्भिक राजनीतिक लक्षण ऐसे जरूर दिये जा रहा है जिससे आने वाले कल में कुछ अच्छे दिन की उम्मीद देश व खासकर यूपी, उत्तराखण्ड व पजाब आदि के लोग जरूर कर सकते हैं। एक बार फिर से नववर्ष के मंगलमय होने की कामना।