महोबा। जिला नशा मुक्ति केंद्र की पहल पर आधारशिला वृद्धाश्रम में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य वृद्धजनों और आमजन को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति सचेत करना और नशा मुक्त जीवन जीने के महत्व को समझाना था।
इस अवसर पर नशा मुक्ति केंद्र के चिकित्साधिकारी डॉ. तनवीर कौसर ने उपस्थित लोगों को नशे के सेवन से होने वाले शारीरिक और मानसिक नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नशा हमारे शरीर की शक्ति को धीरे-धीरे खत्म कर देता है और इसे बीमारियों का गढ़ बना देता है। नशे की लत लगने के बाद इसे छोड़ना आसान नहीं होता, और यह स्वस्थ शरीर को भी कमजोर कर सकता है। इसलिए हमें न केवल स्वयं बल्कि अपने परिवार और समाज को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। डॉ. तनवीर ने यह भी बताया कि धूम्रपान और तंबाकू का सेवन न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बल्कि उसके आसपास के लोगों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।
जिला नशा मुक्ति केंद्र की काउंसलर नीलू चतुर्वेदी ने नशे की लत के पारिवारिक प्रभावों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि नशे की वजह से परिवार को गंभीर वित्तीय, भावनात्मक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे रिश्ते बिगड़ सकते हैं और परिवार का बिखराव हो सकता है। साथ ही, यह क्रोध, अपराधबोध और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को भी जन्म देता है।
इस मौके पर प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर अभिषेक ने केंद्र की गतिविधियों और उपलब्ध सेवाओं के बारे में लोगों को विस्तार से बताया और अधिक से अधिक लोगों को उपचार और सहायता के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. तनवीर ने सभी उपस्थित लोगों से नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई।
कार्यक्रम में टीएस अर्चना चतुर्वेदी, नैंसी द्विवेदी, ओआरडब्ल्यू से शिवानी, प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर पंकज, नर्स ऊषा, प्रकाश और सोशल वर्कर राहुल के साथ वृद्धाश्रम प्रबंधक बलवान सिंह भी उपस्थित रहे। उन्होंने वृद्धजनों के बीच नशा मुक्त जीवन के महत्व को समझाने और जागरूकता फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
जिला नशा मुक्ति केंद्र के इस पहल से यह संदेश स्पष्ट होता है कि नशा केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं बल्कि सामाजिक समस्या है, और इसके खिलाफ जागरूकता अभियान सभी वर्गों के लिए जरूरी है।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal