लखीमपुर खीरी जिले के मितौली क्षेत्र में स्थित ढखेरवा के पुराने पुल से तीन दिन पहले फुफेरी बहनों द्वारा शारदा नहर में छलांग लगाने की दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। सोमवार को घटना के तीसरे दिन चंदैयापुर निवासी पंछी (18) का शव लौखनिया पुल के पास से पीएसी जवानों ने बरामद किया है। वहीं, दूसरी लड़की सिंगाही क्षेत्र के बथुआ टांडा निवासी सोनिका (17) का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल सका है।
पीएसी गोताखोरों और स्थानीय गोताखोरों की टीमें तीसरे दिन भी सुबह से ही नहर में तलाशी अभियान में जुटी रहीं। स्थानीय लोगों की मदद से कई किलोमीटर दूर तक पानी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। अंततः दोपहर में लौखनिया पुल के पास नहर की झाड़ियों में पंछी का शव फंसा हुआ मिला, जिसे बाहर निकालकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सूत्रों के मुताबिक, छलांग लगाने से पहले दोनों लड़कियों ने अपने कपड़े बदल लिए थे, जिससे यह साफ झलकता है कि उन्होंने यह कदम पहले से सोच-समझकर उठाया था। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्होंने आत्मघाती कदम क्यों उठाया। परिजनों का कहना है कि दोनों के बीच आपसी गहरा लगाव था और कुछ दिनों से वे मानसिक रूप से परेशान चल रही थीं।
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ढखेरवा पुल से अब तक सैकड़ों हादसे हो चुके हैं, लेकिन शासन-प्रशासन ने आज तक कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं किए। पुल के किनारों पर न तो सुरक्षा रेलिंग है, न ही चेतावनी बोर्ड। अगर यहां स्टीमर या नाव की नियमित व्यवस्था होती, या पुल से लंबी रस्सियों के जरिए कोई सेफ्टी मैकेनिज्म लगाया जाता, तो शायद इस तरह के हादसे टाले जा सकते थे।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस जगह पर सुरक्षा बाड़, चेतावनी संकेत और बचाव नौका (रिस्क्यू टीम) की स्थायी व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह के दर्द से न गुजरना पड़े।
फिलहाल सोनिका की तलाश जारी है, और पुलिस ने आशंका जताई है कि शव संभवतः नहर के तेज बहाव के कारण आगे की ओर बह गया हो सकता है। गोताखोर टीमें सर्च ऑपरेशन को मंगलवार तक जारी रखेंगी।
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