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Kolkata Rape Case: ‘मैंने उसके पैर पकड़े, फिर भी दरिंदे नहीं माने; वीडियो भी बनाया’, कोलकाता कांड की आपबीती

कोलकाता पुलिस ने साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज के एक पूर्व और दो मौजूदा छात्रों सहित तीन लोगों को कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया है। घटना कथित तौर पर कस्बा में कॉलेज परिसर में हुई थी। अब छात्रा की शिकायत में इस मामले में कुछ बड़े खुलासे हुए हैं। दक्षिण कोलकाता के एक कॉलेज की लॉ छात्रा के साथ बुधवार शाम कैंपस के सुरक्षा गार्ड के कमरे में कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया। छात्रा को यूनियन में अहम पद की पेशकश की गई थी। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत की पुष्टि होने के बाद कॉलेज के पूर्व छात्र और एड-हॉक कर्मचारी मनोजीत मिश्रा और वर्तमान छात्र प्रमित मुखर्जी और जैब अहमद को गिरफ्तार किया है। मनोजीत मिश्रा को 2021 में कॉलेज की तृणमूल इकाई से निकाल दिया गया था और 2022 में उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की, जिसके बाद उन्होंने वकालत शुरू कर दी। हालांकि, वह हाल ही में एक तदर्थ गैर-शिक्षण कर्मचारी के रूप में कॉलेज में वापस आ गया था। प्रथम वर्ष के छात्र प्रमित मुखर्जी और द्वितीय वर्ष के छात्र जैब अहमद मनोनीत मिश्रा के करीबी माने जाते हैं। पीड़िता दक्षिण 24 परगना शहर की निवासी है और हर दिन कॉलेज आती-जाती है। घटना बुधवार को शाम 7.30 बजे से 10.50 बजे के बीच कैंपस में हुई। 24 वर्षीय पीड़िता कैंपस राजनीति में भी सक्रिय है। वह तृणमूल समर्थक बताई जा रही है।

पुलिस को बताया कि वह बुधवार को परीक्षा फॉर्म भरने के लिए कॉलेज गई थी। अधिकांश छात्र प्रक्रिया के बाद चले गए, लेकिन मनोनीत मिश्रा ने उसे और सात अन्य छात्रों को यूनियन रूम में ही रहने के लिए कहा, जहां उसे बिस्कुट और यूनियन का एक महत्वपूर्ण पद देने की पेशकश की गई। पीड़िता ने कहा कि वह कॉलेज यूनियन के प्रति पूरी तरह समर्पित है और यूनिट के लिए काम करने को तैयार है, जिसके बाद मनोनीत मिश्रा उसे यूनियन रूम से बाहर ले गए और शादी का प्रस्ताव रखा। पीड़िता ने इस प्रस्ताव को सीधे-सीधे ठुकरा दिया, जिसके बाद उसे जबरन गार्ड के कमरे में ले जाया गया।
पीड़िता की शिकायत में कहा गया है, ‘मैंने उसके पैर छुए, लेकिन उसने मुझे जाने नहीं दिया। वे मुझे जबरदस्ती गार्ड के कमरे में ले गए, मेरे कपड़े उतारे और मेरे साथ दुष्कर्म किया।’ साथ ही पीड़िता ने यह भी कहा कि आरोपियों ने इस कृत्य का वीडियो रिकॉर्ड किया और धमकी दी कि अगर वह पुलिस के पास गई तो वे इसे वायरल कर देंगे। पीड़िता ने लड़ने और भागने की कोशिश की, लेकिन उसे हॉकी स्टिक से मारा गया। उसे तभी जाने दिया गया, जब उसने शिकायत की कि उसे पैनिक अटैक आ रहे हैं और उसकी सांस फूल रही है। वह गिड़गिड़ाई कि वे उसे अस्पताल ले जाया जाए, लेकिन हैवानों ने इसे अनसुना कर दिया। उसे सिर्फ अपने बैग में रखे इनहेलर का उपयोग करने दिया गया। आखिरकार उसे रात 10.50 बजे छोड़ा गया। उसने अपने पिता को फोन किया, जो उसे घर ले गए।
आरोपी को एक जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया
पीड़िता ने गुरुवार को कस्बा पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध और यातायात) रूपेश कुमार ने कहा, ‘कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रारंभिक चिकित्सा जांच की गई थी, गवाहों के बयान लिए गए थे।’ अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संतोष पांडे और दक्षिण उपनगरीय डिवीजन की डिप्टी कमिश्नर बिदिशा कलिता ने शुक्रवार शाम को अपराध स्थल का दौरा किया। मनोनीत मिश्रा और जैब अहमद को गुरुवार को शाम 7.30 बजे कस्बा पीएस के पास से गिरफ्तार किया गया। प्रमित मुखर्जी को शुक्रवार आधी रात के बाद उसके घर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने तीनों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। यौन उत्पीड़न की वीडियोग्राफी का राज इन मोबाइल फोन से खुल सकता है। फोरेंसिक जांच के लिए अपराध स्थल को सुरक्षित कर लिया है। आरोपियों को शुक्रवार को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया और 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

सरकारी वकील सोरिन घोषाल ने कोर्ट में कहा, ‘मेडिकल साक्ष्य महिला के बयान की पुष्टि करते हैं।’ कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि कॉलेज जिम्मेदारी से बच नहीं सकता, हालांकि घटना कक्षाएं खत्म होने के तीन घंटे से अधिक समय बाद हुई। कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति सांता दत्ता डे ने कहा कि कॉलेज के प्रभारी शिक्षक को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है और विश्वविद्यालय मंगलवार तक एक तथ्य-खोज समिति का गठन करेगा।
कोलकाता पुलिस ने बाद में एक सोशल मीडिया बयान जारी किया, जिसमें स्थानीय पुलिस स्टेशन की शिकायत पर त्वरित और निर्णायक प्रतिक्रिया की सराहना की गई। इसमें कहा गया, ‘जांच गंभीरता, व्यावसायिकता और संवेदनशीलता के साथ की जा रही है। हम जनता और डिजिटल प्लेटफॉर्म से अपील करते हैं कि वे भ्रामक कटेंट प्रसारित करने से बचें। यह न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डाल सकती है। पीड़िता की गरिमा से समझौता कर सकती है।

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