लखनऊ। पीएम मोदी जल्दी यूपी को गंगा एक्सप्रेस वे की सौगात देने जा रहे हैं इसके साथ ही कई और योजनाओं का भी पीएम मोदी शुभारंभ करेंगे।
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गंगा एक्सप्रेसवे
● प्रवेश नियंत्रित गंगा एक्सप्रेसवे मरत-बुलन्दशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334) पर जनपद मेरठ के बिजली ग्राम के समीप से प्रारम्भ होगा एवं प्रयागराज बाइपास (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19) पर जनपद प्रयागराज के जुबापुर दाँदू ग्राम के समीप समाप्त होगा।
● यह एक्सप्रेसवे जनपद मेरठ हापुड़ बुलन्दशहर अमरोहा सम्मल बदायूँ, शाहजहापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर जायेगा।
● यह एक्सप्रेसवे 06 लेन (08 लेन विस्तारणीय की है इसकी लम्बाई 504 किमी0 एवं राइट ऑफ वे 120 मी० लिया गया है।
● प्रवेश एवं निकासी हेतु अतिरिक्त 17 स्थानों पर इण्टरचेंज द्वारा सुविधा प्रदान किया जाना प्रस्तावित है।
● परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा हेतुस्टैग रूप में सर्विस रोड का प्रावधान किया गया है।
● एक्सप्रेसवे निर्माण के अंतर्गत 07 आरओबी 14 दीर्घ सेतु 126 लघु सेतु 381 अण्डरपासेज का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। एक्सप्रेसवे उपयोगकर्ताओं की सुविधा हेतु 09 जनसुविधा परिसर बनाया जाना प्रस्तावित है।
● आपातकाल में वायु सेना के विमानों के दंग / टेक ऑफ हेतु जनपद शाहजहापुर में एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
● परियोजना की कुल अनुमानित लागत रू. 36230 करोड़ है। परियोजना हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रगति में है, अब तक लगभग 94% भूमि का कप / पुनर्ग्रहण किया जा चुका है।
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गंगा एक्सप्रेसवे की उपलब्धियां
●गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना में 4 माह के अंदर 71621 काश्तकारों से 90% से अधिक भूमि कप की गई एवं अब तक 82750 कृषकों से 04% भूमिका की जा चुकी है।
● गंगा एक्सप्रेसवे के लिए जब भूमि क्रय की जा रही थी. उस समय पूरे देश में कोरोना की लहर चौक पर थी।
परियोजना के फायदे –
● एक्सप्रेस के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण समय की बचत एवं के पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।
● परियोजना अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा।
●एक्सप्रेसवेादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन ईकाईयों विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा।
● एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु अवसर सुलभ होंगे।
● एक्सप्रेसवे खादय प्रसंस्करण इकाईयो, भण्डारण ग्रह मण्डी तथा दुध आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।