कानपुर देहात के कुसरजापुर गांव में मामूली पानी के विवाद ने अचानक उग्र रूप ले लिया। जानकारी के अनुसार, गांव में पानी की उपलब्धता को लेकर शुरू हुआ मामूली तकरार पुलिस हस्तक्षेप के बाद हिंसक घटनाक्रम में बदल गया।
मौके पर पहुंची भोगनीपुर पुलिस ने विवाद को शांत करने के बजाय ग्रामीणों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि इंस्पेक्टर भोगनीपुर के निर्देश पर पुलिस ने निर्दोष लोगों पर बेरहमी से बल प्रयोग किया। इस लाठीचार्ज में दो युवक गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
स्थानीय निवासी सतीश कुमार ने बताया, “हम तो सिर्फ पानी की समस्या को लेकर बातचीत कर रहे थे, तभी पुलिस आई और हमें लाठियों से पीटना शुरू कर दिया।” वहीं, उनकी पत्नी रेनू देवी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “पुलिस मेरे पति और मेरे देवर पर लाठियां भांज रही थी और उन्हें उठाकर गाड़ी में डालने की बात कर रही थी।”
घटना की सूचना मिलते ही सीओ भोगनीपुर मौके पर पहुंचे और कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ हालात को काबू में किया। सीओ ने खुद गांव का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया और घंटों की मशक्कत के बाद ग्रामीणों को शांत कराया।
फिलहाल कुसरजापुर गांव में पुलिस के इस रवैये को लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि मामूली विवाद पर पुलिस ने इतनी हिंसा क्यों की। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और जल्द स्थिति को सुधारने का भरोसा दिलाया है।
निष्कर्ष:
कुसरजापुर की यह घटना यह स्पष्ट करती है कि कभी-कभी छोटे विवाद भी पुलिस की अनुचित कार्रवाई से बड़े सामाजिक तनाव में बदल सकते हैं। प्रशासन और पुलिस के लिए यह चुनौती है कि वे ऐसी परिस्थितियों को संयम और समझदारी से संभालें।
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal