कन्नौज ज़िले में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है। गंगा और काली नदी किनारे बसे कई गांव पानी में डूबे हुए हैं। हालात का जायजा लेने और पीड़ितों का हाल जानने के लिए प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण शुक्रवार को सीधे जुकय्या गांव पहुंचे। यहाँ उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना।
मंत्री ने कहा कि जिले के 22 गांव बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हैं और प्रशासन लगातार हालात पर नज़र रखे हुए है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार और प्रशासन किसी भी हाल में बाढ़ पीड़ितों को अकेला नहीं छोड़ेगा।
9 टीमें बनाई गईं निगरानी और राहत कार्य के लिए
मंत्री असीम अरुण ने बताया कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की निगरानी और राहत कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के लिए 9 अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें दिन-रात प्रभावित गांवों तक मदद पहुंचा रही हैं। प्रत्येक टीम को यह जिम्मेदारी दी गई है कि कोई भी परिवार मदद से वंचित न रहे।
नुकसान का हो रहा है आंकलन
राजस्व विभाग की टीमें बाढ़ से हुए नुकसान का लगातार सर्वे कर रही हैं। हजारों बीघा उपजाऊ जमीन पानी में डूब चुकी है और किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि नुकसान का आंकलन पूरा होने के बाद प्रभावितों को सरकारी मुआवजा और राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
पानी उतरने के बाद होंगे विकास कार्य
मंत्री ने यह भी घोषणा की कि बाढ़ प्रभावित गांवों की सड़कों को ऊँचा किया जाएगा, ताकि भविष्य में ग्रामीणों को इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित रखना और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करना है।
गंगा और काली नदी बनीं बाढ़ का कारण
सदर क्षेत्र के गंगा और काली नदी किनारे बसे गांव इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर ने हजारों परिवारों को संकट में डाल दिया है। कई घरों और खेतों में पानी भर जाने से ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
मंत्री असीम अरुण ने गांववासियों को आश्वस्त किया कि सरकार हर स्तर पर मदद उपलब्ध कराएगी और किसी भी जरूरतमंद को बिना सहायता के नहीं छोड़ा जाएगा।
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