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कन्नौज: अस्पताल में महंगी बाहरी दवाइयाँ लिखने पर हड़कंप, CMS बोले– होगी सख्त कार्रवाई

कन्नौज: 100 सैया अस्पताल में महिला आयोग के निरीक्षण के बाद भी लापरवाही जारी, मरीजों पर थोपे जा रहे बाहर के महंगे इंजेक्शन और दवाइयाँ

कन्नौज जिले के छिबरामऊ स्थित 100 सैया संयुक्त जिला अस्पताल की व्यवस्थाएँ लगातार सवालों के घेरे में हैं। हाल ही में महिला आयोग की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया था और कई खामियों को चिन्हित कर सुधार के निर्देश भी दिए थे। लेकिन निरीक्षण के बाद भी हालात में कोई सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है।

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का आलम यह है कि मरीजों को प्रतिदिन बाहर की महंगी दवाइयाँ और इंजेक्शन लिखे जा रहे हैं, जबकि शासन द्वारा कई जरूरी दवाएँ अस्पताल में उपलब्ध कराई जाती हैं। इससे गरीब और ग्रामीण मरीजों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

मरीज ने शिकायत की, CMS भड़क उठे

निरीक्षण के दौरान एक मरीज ने खुद CMS सुनील कुमार सिंह से शिकायत की कि उसे बाहर से महंगा इंजेक्शन खरीदकर लाने को कहा गया। मरीज की शिकायत सुनकर CMS तुरंत सक्रिय हुए और मौके पर ही कार्रवाई का आश्वासन दिया।

सूत्रों के अनुसार, शिकायत सुनकर CMS ने ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि अस्पताल में उपलब्ध दवाओं को नजरअंदाज करके बाहर की दवाएँ लिखने की प्रथा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 CMS का स्पष्ट आदेश — “बाहर से दवा लिखी तो होगी कड़ी कार्रवाई”

CMS सुनील कुमार सिंह ने कहा कि सभी चिकित्सक एवं कर्मचारी शासन की गाइडलाइन के मुताबिक ही कार्य करें।
उन्होंने दो टूक कहा कि —

“यदि किसी भी मरीज को अनावश्यक रूप से बाहर से दवा या इंजेक्शन लिखे जाने की शिकायत मिली तो संबंधित डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ सख्त departmental एक्शन लिया जाएगा।”

 महिला आयोग के निरीक्षण के बाद भी सुधार क्यों नहीं?

महिला आयोग की टीम ने हाल ही में अस्पताल का निरीक्षण कर साफ-सफाई, दवा उपलब्धता और मरीजों की सुविधा को लेकर कई निर्देश दिए थे।

इसके बावजूद:

  • दवा वितरण प्रणाली में अव्यवस्था

  • मरीजों को बाहर से इंजेक्शन लिखना

  • स्टाफ की लापरवाही
    जैसे मुद्दे अब भी जस के तस बने हुए हैं।

 मरीजों में बढ़ रही नाराजगी

लगातार हो रही इन समस्याओं के कारण मरीजों में रोष बढ़ता जा रहा है। ग्रामीण इलाके से आने वाले लोग महंगी दवाइयों और इंजेक्शनों का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। उनका कहना है कि सरकारी अस्पताल में भी प्राइवेट डॉक्टरों की तरह दवाइयाँ बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।

महिला आयोग के निरीक्षण के बावजूद छिबरामऊ 100 सैया अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होना चिंताजनक है। CMS द्वारा सख्त चेतावनी देने के बावजूद यदि हालात नहीं बदलते, तो जल्द ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

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