लखनऊ। आज काकोरी ट्रेन एक्शन की 97वीं वर्षगांठ पर यूपी की राज्यपाल आनंदी पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित काकोरी शहीद स्मारक पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया जाएगा।
कई कार्यक्रमों का किया जाएगा आयोजन
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर आधारित चित्र प्रदर्शनी, म्यूरल प्रदर्शनी और चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। ‘काकोरी ट्रेन एक्शन’ की थीम पर डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन, अभिलेख प्रदर्शनी और पुस्तिका के विमोचन सहित अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
क्या है काकोरी कांड?
स्वतंत्रता आंदोलन को तेज करने के लिए धन की जरूरत थी। इसके लिए क्रांतिकारियों ने शाहजहांपुर में एक मीटिंग की। इसमें राम प्रसाद बिस्मिल ने अंग्रेजी सरकार का खजाना लूटने की योजना बनाई। इसके अनुसार राजेंद्रनाथ लाहिड़ी ने 9 अगस्त 1925 को लखनऊ के काकोरी रेलवे स्टेशन से छूटी आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन को चेन खींचकर रोका।
क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफाकउल्ला खां, पं. चंद्रशेखर आजाद और अन्य सहयोगियों की मदद से ट्रेन पर धावा बोला। उन्होंने सरकारी खजाना लूट लिया। इसे ही काकोरी कांड के नाम से जाना जाता है।
अंग्रेजी हुकूमत ने हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के कुल 40 क्रांतिकारियों पर सम्राट के विरुद्ध सशस्त्र युद्ध छेड़ने, सरकारी खजाना लूटने और मुसाफिरों की हत्या करने का केस चलाया। इसमें राजेंद्रनाथ लाहिड़ी, पं. राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई।
इस केस में 16 अन्य क्रांतिकारियों को कम से कम 4 साल की सजा से लेकर अधिकतम कालापानी और आजीवन कारावास तक का दंड दिया गया।
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