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लोकेशन – झाँसी
रिपोर्ट – राजकुमार शर्मा
मो. – 9926299144
झाँसी में सामाजिक एवं पारंपरिक मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में सनातन एकता महासमिति (दुर्गा उत्सव महासमिति) ने एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। यह समिति किसी भी प्रकार की राजनीतिक संस्था नहीं है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों — राजनीतिक दलों के पदाधिकारी, व्यापार मण्डल के प्रतिनिधि, और समाजसेवी — के सहयोग से जनहित एवं सामाजिक कल्याण के कार्य करती है। इसी कड़ी में समिति ने गौ सेवा और ‘गंगा–नदी बचाओ’ अभियान की नई मुहिम का शुभारंभ किया है, जो पर्यावरण संरक्षण और गौ संरक्षण दोनों ही दृष्टियों से बेहद महत्वपूर्ण है।
अभियान का शुभारंभ और मुख्य उद्देश्य
इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ 09 दिसंबर 2025, मंगलवार, दोपहर 01:00 बजे, इलाइट चौराहे पर गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष मा० श्याम बिहारी गुप्त जी द्वारा किया जाएगा। इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी और समाज के अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
मुख्य उद्देश्य हैं—
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गौ सेवा के माध्यम से समाज में सनातन परंपराओं को बढ़ावा देना।
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गंगा और अन्य नदियों के संरक्षण के प्रति जनजागरूकता फैलाना।
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स्थानीय समुदाय को पर्यावरण और पशु कल्याण के महत्व से अवगत कराना।
बैलगाड़ी और ई-रिक्शा: परंपरा और आधुनिकता का संगम
समिति ने इस मुहिम में बैलगाड़ी और ई-रिक्शा का प्रयोग कर परंपरा और आधुनिकता का सामंजस्य स्थापित किया है।
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बैलगाड़ी के माध्यम से समिति के पदाधिकारी प्रतिदिन गौ सेवा का संकल्प ले रहे हैं।
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ई-रिक्शा गाड़ियों के माध्यम से झाँसी नगर के विभिन्न क्षेत्रों से गौ सेवा हेतु सामग्री संग्रहित की जाएगी।
इस पहल के माध्यम से स्थानीय लोग आसानी से गौ सेवा में योगदान कर सकते हैं और समाज में परंपरागत मूल्यों को आगे बढ़ाने में सहयोग कर सकते हैं।
समिति की अपील और सहयोग की विधि
समिति के पदाधिकारियों ने सभी सनातनी भाइयों से निवेदन किया है कि वे इस अभियान में भाग लें और निम्नलिखित सामग्री प्रदान करें—
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दो रोटी
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एक कटोरी आटा या चोकर, जिसे थैले में डालकर ई-रिक्शा या बैलगाड़ी को दें।
ध्यान देने योग्य बात:
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कृपया बना हुआ भोजन न दें।
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एकत्रित सामग्री सीधे स्थानीय गौशालाओं में पहुँचाई जाएगी।
यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि गौ सेवा सुचारू और व्यवस्थित रूप से संचालित हो।
समाज में जागरूकता और स्थायी पहल
समिति ने बताया कि यह अभियान केवल एक दिन का नहीं है, बल्कि इसे लगातार चलाया जाएगा। इसके माध्यम से—
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समाज में गौ संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
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युवाओं और बच्चों में सनातन परंपराओं के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न होगा।
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गंगा और अन्य नदियों के संरक्षण के महत्व को लोगों तक पहुँचाया जा सकेगा।
समिति की यह पहल समाज और पर्यावरण के हित में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करती है। स्थानीय लोग इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं और इसे समाज में परंपरा और आधुनिकता के संतुलन का प्रतीक मान रहे हैं।
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