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Illegal Sand Mining in Jalaun: मुहाना खदान में खनन माफियाओं का बोलबाला, उड़ाई जा रही खनन नीति की धज्जियां

जालौन जनपद में खनन माफियाओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार की खनन नीति और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उरई तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली मुहाना खदान, खंड संख्या-3 में अवैध खनन का गोरखधंधा दिन-रात जोरों पर चल रहा है

मिली जानकारी के अनुसार, इस खदान का पट्टा धारक मनोज कुमार बताया जा रहा है। नियमों के अनुसार, नदी की धार में किसी भी प्रकार का खनन पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद, मुहाना खदान में JCB और हैवी मशीनों को सीधे नदी की धार में उतारकर रेत की खुदाई की जा रही है।

NGT और सुप्रीम कोर्ट ने नदी के प्राकृतिक प्रवाह को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे खनन पर सख्त रोक लगा रखी है। लेकिन जालौन में यह आदेश मानो मज़ाक बन गए हैं। खदान में दिन-रात आधा दर्जन से अधिक मशीनें बेरोकटोक रेत निकालती देखी जा सकती हैं।

नियमों का खुला उल्लंघन:
नियमों के मुताबिक, किसी भी खदान क्षेत्र में 3 मीटर से अधिक गहराई तक खनन नहीं किया जा सकता। लेकिन यहां कई जगह 10-12 फीट तक गहरे गड्ढे बना दिए गए हैं। गहराई में खनन से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि आसपास के गांवों में जलस्तर भी तेजी से नीचे गिर रहा है

गांव वालों के अनुसार, लगातार चल रहे भारी वाहनों से सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है और धूल व प्रदूषण से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।

प्रशासन की चुप्पी:
सबसे हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन के बावजूद खनन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नजर नहीं आती। ऐसा प्रतीत होता है कि खनन माफिया को सत्ता और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि खदान क्षेत्र में खनन रुकवाने के लिए कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ट्रकों में भरी रेत प्रतिदिन रात के समय बाहर भेजी जाती है और करोड़ों रुपये का यह खेल महीनों से चल रहा है।

पर्यावरण विशेषज्ञों की चेतावनी:
विशेषज्ञों का कहना है कि नदी की धार में इस तरह का अंधाधुंध खनन न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि भविष्य में नदी मार्ग के कटाव और बाढ़ के खतरे को भी बढ़ा सकता है।

क्या डीएनएन न्यूज़ की इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के बाद प्रशासन नींद से जागेगा?
क्या खनन विभाग मुहाना खदान में चल रही अवैध गतिविधियों पर नकेल कसेगा या फिर माफिया यूं ही बेलगाम चलते रहेंगे?

  • स्थानीय निवासी: “दिन-रात मशीनें चलती हैं, नदी का पूरा बहाव बिगाड़ दिया गया है। गांव में धूल और शोर से लोग परेशान हैं।”

  • अधिकारियों से प्रतिक्रिया: “मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

जालौन की मुहाना खदान में यह मामला सिर्फ खनन नहीं, बल्कि कानून और पर्यावरण दोनों के साथ खिलवाड़ का प्रतीक बन चुका है। सरकार भले ही अवैध खनन पर सख्ती के दावे करे, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

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