नवी मुंबई।
महिला वनडे विश्व कप 2025 का दूसरा सेमीफाइनल आज नवी मुंबई के डी.वाई. पाटिल स्टेडियम में खेला जा रहा है, जहां भारत और ऑस्ट्रेलिया आमने-सामने हैं। यह मुकाबला सिर्फ फाइनल में जगह बनाने की जंग नहीं, बल्कि दो क्रिकेट महाशक्तियों की प्रतिष्ठा का टकराव भी है। भारत ने आखिरी बार 2017 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया था और उसके बाद से कंगारू टीम ने वनडे विश्व कप में लगातार 15 मैच जीते हैं। आज भारत एक बार फिर इतिहास दोहराने के इरादे से उतरेगा।
मंधाना का जलवा – ‘एन्फोर्सर’ मोड में टीम इंडिया की रन मशीन
इस विश्व कप में स्मृति मंधाना का बल्ला लगातार आग उगल रहा है। वह टूर्नामेंट की सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज हैं। मंधाना ने अब तक 102.52 के स्ट्राइक रेट से 365 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं।
उनका नया रूप चौंकाने वाला रहा है — अब वह सिर्फ साझेदारी बनाने वाली नहीं, बल्कि आक्रामक अंदाज़ में टीम की गति तय करने वाली ‘एन्फोर्सर’ बन चुकी हैं।
गार्डनर और शुट के खिलाफ पुराने रिकॉर्ड से आगे निकलीं
2024 तक एश्ले गार्डनर और मेगन शुट के खिलाफ मंधाना का प्रदर्शन औसत रहा था।
गार्डनर के खिलाफ 8 पारियों में वह 5 बार आउट हुईं थीं (औसत 13.60, स्ट्राइक रेट 89.47), जबकि शुट के खिलाफ उनका औसत 24.50 और स्ट्राइक रेट 70.50 था।
लेकिन 2025 में मंधाना ने समीकरण बदल दिए।
इस साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने चार मैचों में दो शतक और दो अर्धशतक ठोके हैं। गार्डनर के खिलाफ उन्होंने 71 गेंदों पर 96 रन (SR 135.21) बनाए हैं और एक बार भी आउट नहीं हुईं। शुट के खिलाफ 28 गेंदों पर 41 रन (SR 146.42) जड़े हैं।
ऑस्ट्रेलियाई बॉलरों की बेकाबू इकोनॉमी
भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की इकोनॉमी रेट चिंताजनक रही है।
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मेगन शुट – 6.46
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किम गर्थ – 6.66
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एश्ले गार्डनर – 6.06
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ताहिलिया मैक्ग्रा – 7.05
वहीं अन्य टीमों के खिलाफ यही गेंदबाज 3.78 से 5.46 की इकोनॉमी से रन दे रही थीं।
सबसे बड़ा गिरावट अलाना किंग के प्रदर्शन में दिखा — उन्होंने भारत के खिलाफ सिर्फ एक विकेट लिया और इकोनॉमी 7.08 रही, जबकि बाकी टीमों के खिलाफ उनका औसत सिर्फ 2.85 का था।
शेफाली वर्मा की वापसी और मंधाना का बदला रोल
प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद शेफाली वर्मा की टीम में वापसी से भारत का ओपनिंग कॉम्बिनेशन बदला है। रावल के साथ मंधाना एन्फोर्सर की भूमिका में थीं, जबकि शेफाली के साथ वह पारी संभालने वाली बन जाती हैं।
अब शेफाली धीरे शुरू होकर बाद में आक्रामक होती हैं, जिससे मंधाना को टिककर खेलने और अंत तक टीम को आगे ले जाने की आज़ादी मिलेगी।
सदरलैंड बनीं भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा
ऑस्ट्रेलिया की सबसे सफल गेंदबाज एनेबल सदरलैंड इस टूर्नामेंट में अब तक 15 विकेट झटक चुकी हैं। उनकी गेंदों की विविधता भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
हरमनप्रीत कौर सात पारियों में तीन बार और ऋचा घोष पांच बार उनके शिकार बन चुकी हैं। भारतीय बल्लेबाजों को आज उनके स्पेल में सतर्क रहने की ज़रूरत होगी।
भारत की गेंदबाजी – रेणुका, दीप्ति और लेफ्ट-आर्म स्पिन पर उम्मीदें
भारत के लिए नई गेंद से रेणुका सिंह और क्रांति गौड़ से उम्मीदें हैं। रेणुका ने ऑस्ट्रेलिया की कप्तान एलिसा हीली को पावरप्ले में रोकने का सिलसिला कायम रखा है। गौड़ ने पिछली सीरीज में हीली को तीन बार आउट किया था।
स्पिन में दीप्ति शर्मा का रिकॉर्ड शानदार है — उन्होंने ताहिलिया मैक्ग्रा को 9 पारियों में 5 बार पवेलियन भेजा है।
लेफ्ट-आर्म स्पिनर एन. श्री चरणी ने लीग मैच में तीन विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया के मिडल ऑर्डर को झकझोरा था।
दिलचस्प है कि ऑस्ट्रेलिया ने इस विश्व कप में लेफ्ट-आर्म स्पिन के खिलाफ 10 विकेट गंवाए हैं, यानी हर पांच ओवर में एक विकेट। पाकिस्तान की नाशरा सन्धु और सादिया इकबाल ने भी एक मैच में ऑस्ट्रेलिया को 76/7 पर रोक दिया था।
पिच और रणनीति
नवी मुंबई की पिच अब तक बैटिंग-फ्रेंडली साबित हुई है, यानी रन बरस सकते हैं। ऐसे में भारत को गेंदबाजी संयोजन में सावधानी रखनी होगी।
स्नेह राणा का लोअर-ऑर्डर में अनुभव निर्णायक साबित हो सकता है, जबकि कप्तान हरमनप्रीत कौर का नेतृत्व और मंधाना की फॉर्म भारत की सबसे बड़ी ताकत हैं।
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