कुशीनगर।
लोक आस्था और सूर्य उपासना का महापर्व छठ मंगलवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही संपन्न हुआ। हेतिमपुर नगर पंचायत क्षेत्र सहित आसपास के गांवों में श्रद्धा, भक्ति और आस्था का अभूतपूर्व संगम देखने को मिला। हजारों की संख्या में श्रद्धालु महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा धारण कर निर्जला व्रत रखते हुए भगवान भास्कर और छठ मइया से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
भोर होते ही विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। व्रती महिलाएं सूप-दऊरा में फल, ठेकुआ, नारियल और प्रसाद सजाकर गीत-भजन गाती हुई घाटों की ओर रवाना हुईं। जैसे ही पूर्व दिशा में सूर्यदेव का प्रकाश फैला, वैसे ही पूरे क्षेत्र में “छठ मइया की जय” के जयघोष गूंज उठे। उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पण कर चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व विधि-विधानपूर्वक पूर्ण हुआ।
चार दिवसीय पर्व की पावन यात्रा
पर्व की शुरुआत शनिवार को ‘नहाय-खाय’ से हुई, जब व्रती महिलाओं ने पवित्रता के साथ सात्विक भोजन ग्रहण किया। इसके बाद रविवार को ‘खरना’ के दिन गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद बनाकर व्रती महिलाओं ने उपवास का संकल्प लिया। सोमवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद मंगलवार की प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ यह व्रत पूर्ण हुआ।
बारिश के बावजूद नहीं डिगी आस्था
इस बार हल्की बारिश के कारण कई घाटों पर जलभराव और कीचड़ की स्थिति बनी रही, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ। कई महिलाओं ने अपने घरों, आंगनों और छतों पर अस्थायी घाट बनाकर पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। वातावरण में आस्था, संगीत और भक्ति की मिठास घुली रही।
प्रशासन ने की बेहतर व्यवस्था
नगर पंचायत प्रशासन की ओर से घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए थे। महुआडीह थाना और हेतिमपुर चौकी पुलिस ने पूरे क्षेत्र में मुस्तैदी से सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी घाटों पर तैनात रही, जो श्रद्धालुओं को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान कर रही थी।
नगर पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि, “छठ महापर्व हेतिमपुर की सांस्कृतिक पहचान है। हमने प्रशासन और स्थानीय लोगों के सहयोग से सभी घाटों पर साफ-सफाई, रोशनी और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था कराई। हमारा प्रयास है कि हर साल श्रद्धालुओं को और बेहतर सुविधाएं मिलें।”
व्रतियों ने जताई प्रसन्नता
व्रती महिलाओं — पुष्पा देवी, रिंकी देवी, सरिता देवी, राजकुमारी देवी आदि ने बताया कि थोड़ी बहुत बारिश जरूर हुई, लेकिन आस्था की ज्योति कभी बुझ नहीं सकती। “छठ मइया की कृपा से सब मंगलमय रहा,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।
छठ: आस्था, अनुशासन और समर्पण का पर्व
छठ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह आस्था, अनुशासन और पर्यावरण से जुड़ाव का प्रतीक है। यह पर्व सूर्य उपासना के माध्यम से जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि का संदेश देता है। हेतिमपुर सहित पूरे कुशीनगर जनपद में इस बार छठ महापर्व ने सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समृद्धि की नई मिसाल कायम की है।
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