नई दिल्ली। गुजरात में कांग्रेस के नेता और कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने लीडरशिप के बारे में फिर एक बार सवाल खड़े किए हैं. एक इंटरव्यू के दौरान हार्दिक पटेल ने बीजेपी में जाने के बारे में कहा कि, इस वक्त बीजेपी में जाने का कोई प्लान नहीं है.
स्टेट लीडरशिप से समस्या
हालांकि हार्दिक पटेल ने कहा कि, उनको जो भी समस्या थी उसके बारे में उन्होंने हाई कमांड से बात की है. हार्दिक पटेल ने अपने बयान में कहा की उन्हें व्यक्तिगत रूप से किसी से कोई समस्या नहीं है. उनको स्टेट लीडरशिप से समस्या है. स्टेट लीडरशिप में विवाद देखने को मिलता है.
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लीडर ज्यादा हैं उसकी वजह से निर्णय सही तरह से नहीं लिए जा रहे हैं. जब भी पार्टी में कोई सच बताता है तो उसे अलग तरह से प्रिडिक्ट किया जाता है. अगर कोई सच बताता है तो उसके साथ चर्चा करनी चाहिए.
हर पार्टी से सीखता हूं-हार्दिक पटेल
बीजेपी, सपा और अन्य पार्टियों से कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है. राजकीय निर्णय लेने की क्षमता बीजेपी में ज्यादा है. हार्दिक पटेल ने यह बयान भी दिया कि कांग्रेस के किसी कार्यकर्ता से पूछोगे तो वह भी पार्टी में निर्णय शक्ति के अभाव के बारे में ही बताएगा.
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हार्दिक ने यह भी बताया कि, राज्य के हित के लिए जो कुछ भी निर्णय लेने पड़ेंगे तो मैं लेने के लिए तैयार हुं. हार्दिक ने यह भी बताया की मुझे अपने नुकसान की परवाह नहीं है पर लोगो की ज्यादा चिंता है. मुझे स्टेट लीडरशिप से समस्या है. हाईकमान से आशा है कि वह जल्द ही समाधान प्रक्रिया करेंगे.
हार्दिक पटेल ने उठाए कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल
आपको बता दें कि एक महीने में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब हार्दिक पटेल ने कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाये हैं. इससे पहले अप्रैल के तीसरे हफ्ते की शुरुआत में हार्दिक ने कहा था कि गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष का मतलब शादी के बाद दूल्हे की नसबंदी करवाने के बराबर होता है.
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हार्दिक ने आरोप लगाया कि पार्टी में बड़े नेताओं की गुटबंदी के कारण हमें भी बराबर अपमानित किया जाता है. हार्दिक ने कहा कि गुजरात और दिल्ली के कांग्रेस के नेता में निर्णयशक्ति का अभाव है साथ ही उन्होंने असेंबली चुनाव में वीरमगाम चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ने का एलान किया है.