स्लग — हमीरपुर: आशा कार्यकर्ता से अभद्रता का मामला
रिपोर्ट — हरिमाधव मिश्र, जनपद हमीरपुर
हमीरपुर जिले के नसरीन महिला अस्पताल में एक आशा कार्यकर्ता के साथ की गई अभद्रता, धमकी और दलाली के गंभीर आरोपों ने पूरे स्वास्थ्य विभाग में हलचल मचा दी है। पुराना बेवता घाट क्षेत्र में तैनात आशा कार्यकर्ता अन्नपूर्णा ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर अस्पताल में तैनात नसरीन नामक महिला कर्मचारी पर गाली-गलौज, धक्का-मुक्की और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए हैं।
अन्नपूर्णा का आरोप—”जबरन परचा बनाकर मरीज छीन लिया”
आशा कार्यकर्ता अन्नपूर्णा ने बताया कि वह अपने क्षेत्र की एक महिला मरीज को लेकर अस्पताल पहुँची थीं। जैसे ही उन्होंने मरीज को चिकित्सकीय परामर्श हेतु पर्चा बनवाने की प्रक्रिया शुरू की, तभी अस्पताल कर्मचारी नसरीन ने कथित रूप से हस्तक्षेप किया।
अन्नपूर्णा का आरोप है कि—
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नसरीन ने जबरन पर्चा बनाकर मरीज को अपने पास ले लिया,
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इसके बाद उन पर दलाली करने का आरोप लगाया,
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साथ ही अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए धक्का-मुक्की की।
अन्नपूर्णा के अनुसार स्थिति इतनी बिगड़ गई कि नसरीन ने उन्हें घर से उठवा लेने की धमकी तक दे डाली। इसके बाद वह दहशत में आ गईं और सीधे जिलाधिकारी के पास शिकायत लेकर पहुँचीं।
“हम डर में काम नहीं कर सकते”—अन्य आशाओं का समर्थन
अन्नपूर्णा की शिकायत के बाद जिले की अन्य आशा कार्यकर्ताओं ने भी अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठाए।
आशा कार्यकर्ता विमलेश ने कहा—
“अस्पताल में तैनात कुछ कर्मचारी आशा बहुओं से बदसलूकी करते हैं। हम मरीजों की सेवा के लिए आते हैं, न कि गाली खाने के लिए।”
वहीं आशा कार्यकर्ता मंजू सिंह ने कहा—
“अन्नपूर्णा के साथ जो हुआ, वह बेहद शर्मनाक है। यदि प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो ऐसी घटनाएँ बढ़ती जाएँगी।”
आशा बहुओं ने एकजुट होकर मांग की है कि—
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दोषी महिला कर्मचारी पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए,
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अस्पताल परिसर में आशा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए,
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मरीजों को लाने वाली आशा कार्यकर्ताओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित किया जाए।
प्रशासनिक स्तर पर हलचल
अन्नपूर्णा द्वारा जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र के बाद मामला गंभीर हो गया है। प्रशासन ने शिकायत प्राप्त कर ली है और मामले की जांच के लिए टीम गठित करने की बात कही जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग से भी रिपोर्ट तलब की जा सकती है।
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका और चुनौतियाँ
आशा बहुएं गांव-गांव जाकर—
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प्रसूताओं की देखभाल,
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टीकाकरण,
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स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी,
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मरीजों को अस्पताल तक लाने जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाती हैं।
ऐसे में स्वास्थ्य संस्थानों में ही उनके साथ अभद्रता की घटनाएँ होना गम्भीर चिंता का विषय है।
निष्कर्ष
यह मामला सिर्फ एक आशा कार्यकर्ता से अभद्रता का नहीं, बल्कि基层 स्वास्थ्य तंत्र में व्याप्त अव्यवस्था और आपसी तालमेल की कमी का प्रतीक है। यदि समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो उत्पीड़न की ऐसी घटनाएं भविष्य में और बढ़ सकती हैं।
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