🧑💼 रिपोर्ट:
अंकित तिवारी | कानपुर देहात
🎥 एंकर:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहाँ प्रदेशभर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ सख्त अभियान चला रहे हैं, वहीं कानपुर देहात की मूसानगर नगर पंचायत सरकार के आदेशों को दरकिनार करती नज़र आ रही है। यहाँ पुरानी बाजार के मुख्य रास्ते पर अवैध रूप से दुकानें रखवाने का मामला सामने आया है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर पंचायत खुद मुख्य सड़क पर अस्थायी दुकानें लगवाकर वसूली कर रही है। यह रास्ता लगभग 500 परिवारों की आवाजाही का मुख्य मार्ग है, लेकिन दुकानों के कारण मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है।
स्थिति इतनी गंभीर है कि एंबुलेंस तक मरीजों के घर नहीं पहुंच पाती, जिसके चलते कई मरीजों को समय पर इलाज न मिलने की दिक्कत होती है।
🗣️ प्रदर्शन और आरोप:
इस मुद्दे पर स्थानीय महिलाओं और आशा कार्यकर्ताओं ने नगर पंचायत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
एक आशा बहू रश्मि ने बताया कि वह मरीजों को अस्पताल ले जाने का कार्य करती हैं, लेकिन रास्ता बंद होने से एंबुलेंस नहीं आ पाती। कुछ दिन पहले आपसी सहमति से दुकानें हटाई गई थीं, मगर नगर पंचायत अब उन्हें दोबारा लगाने का प्रयास कर रही है।
स्थानीय निवासी प्रदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर भी लिया हुआ है, बावजूद इसके नगर पंचायत अपनी मनमानी पर अड़ी हुई है। प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि उन्हें किसी भी तरह का अवैध कब्जा स्वीकार नहीं है — रास्ता साफ होना चाहिए ताकि लोगों का आवागमन सुचारू रूप से चल सके।
🏛️ प्रशासनिक स्थिति:
पूरे मामले में कानपुर देहात के जिलाधिकारी ने भी अवैध अतिक्रमण न किए जाने के स्पष्ट आदेश जारी किए हैं। बावजूद इसके, नगर पंचायत डीएम के आदेशों को दरकिनार कर अतिक्रमण को बढ़ावा दे रही है।
वहीं, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी नरेश सिंह का कहना है कि सरकार के निर्देशानुसार अतिक्रमण के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है और किसी भी हाल में रास्ते पर दुकानें नहीं लगने दी जाएंगी।
🎤 बाईट्स:
-
नरेश सिंह (अधिशासी अधिकारी) – “सरकार के निर्देशानुसार अभियान जारी है, किसी भी हाल में सड़क पर दुकानें नहीं लगेंगी।”
-
प्रदीप सिंह (शिकायतकर्ता) – “हाईकोर्ट से स्टे के बावजूद नगर पंचायत अपनी मनमानी पर अड़ी है।”
-
रश्मि (आशा बहू) – “रास्ता बंद होने से एंबुलेंस नहीं आ पाती, मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता।”
📺 समापन लाइन (Anchor Closing):
अब देखना यह है कि सरकार की सख्ती के बावजूद कब तक नगर पंचायत की मनमानी जारी रहती है और कब लोगों को इस अव्यवस्था से राहत मिलती है। सवाल यह भी है कि क्या प्रशासन वाकई में जनता की आवाज सुनेगा या अवैध कब्जों पर आंख मूंदे रहेगा?
Hind News 24×7 | हिन्द न्यूज़ Latest News & Information Portal