कन्नौज।
छिबरामऊ में भाजपा विधायक अर्चना पांडेय के पिता और पूर्व मंत्री राम प्रकाश त्रिपाठी की प्रतिमा स्थापना को लेकर सियासी विवाद खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं ने इस कदम का विरोध करते हुए इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान बताया है। सपा के युवा नेता दीपू चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने बुधवार को पश्चिमी बाईपास स्थित तिराहे पर प्रदर्शन किया।
सपा नेताओं का आरोप है कि जिस स्थान पर अब भाजपा विधायक के पिता की मूर्ति लगाई गई है, वहां दो साल पहले तक महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित थी। नेशनल हाईवे के निर्माण कार्य के दौरान गांधी प्रतिमा को अस्थायी रूप से नगर पालिका के एक पार्क में स्थानांतरित किया गया था, लेकिन निर्माण पूरा होने के बाद भी उसे वापस नहीं लाया गया।
दीपू चौहान ने कहा कि गांधी जी की प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर पुनः स्थापित किया जाना चाहिए था। इसके बजाय उसी स्थान पर पूर्व मंत्री राम प्रकाश त्रिपाठी की मूर्ति लगाई जाना अनुचित है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक अर्चना पांडेय के पिता का शहर के विकास में बड़ा योगदान रहा हो सकता है, लेकिन राष्ट्रपिता की जगह किसी अन्य की मूर्ति लगाना “इतिहास और आदर्शों के प्रति असंवेदनशीलता” को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में गांधी प्रतिमा जिस पार्क में रखी गई है, वहां साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब है। पार्क में कूड़े-कचरे के ढेर लगे हैं और प्रतिमा के चारों ओर भी गंदगी फैली हुई है। चौहान ने कहा कि यह राष्ट्रपिता का अनादर है और नगर पालिका प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रदर्शन के दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर “गांधी जी का अपमान बंद करो” और “मूल स्थान पर गांधी प्रतिमा लौटाओ” जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कार्यकर्ताओं को शांत करने का प्रयास किया। पुलिस अधिकारियों ने समझाकर सपा कार्यकर्ताओं से धरना समाप्त कराया।
दीपू चौहान ने सुझाव दिया कि भाजपा विधायक के पिता की प्रतिमा शहर में किसी नए सार्वजनिक स्थल या पार्क में स्थापित की जा सकती थी, जिससे जनता के लिए एक नया आकर्षण स्थल भी बनता और विवाद भी नहीं होता।
इस मामले पर भाजपा विधायक अर्चना पांडेय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता इसे “राजनीतिक विरोधियों की अनावश्यक बयानबाजी” बता रहे हैं। उनका कहना है कि गांधी प्रतिमा का सम्मान हमेशा बना रहेगा और मूर्ति स्थापना किसी का अपमान नहीं, बल्कि श्रद्धांजलि का प्रतीक है।
फिलहाल, छिबरामऊ में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। सपा कार्यकर्ता गांधी प्रतिमा को उसके मूल स्थान पर वापस लाने की मांग पर अड़े हैं, जबकि प्रशासन इस मामले को संवेदनशील मानते हुए स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।
वाइट — सपा नेता दीपू चौहान
“राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटाकर किसी अन्य की मूर्ति लगाना बेहद गलत है। गांधी जी का स्थान देश के हर नागरिक के दिल में सर्वोपरि है। हम मांग करते हैं कि गांधी प्रतिमा को तुरंत उसी स्थान पर पुनः स्थापित किया जाए।”
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