देवरिया जनपद में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और निजी अस्पतालों की मनमानी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। सदर कोतवाली थाना क्षेत्र के सोनू घाट चौराहे के पास स्थित लालमति हॉस्पिटल में एक मरीज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों की अनुपस्थिति और नर्सों द्वारा किए गए गलत उपचार की वजह से मरीज की जान चली गई।

रात में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था—परिजनों का गंभीर आरोप
मृतक के परिवारजनों के अनुसार, सोमवार देर रात वे मरीज को गंभीर हालत में लालमति हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था।
परिजनों के मुताबिक—
“पूरी रात नर्सें ही इलाज करती रहीं, डॉक्टर एक भी बार देखने नहीं आया।”
उन्होंने कहा कि मरीज की हालत लगातार बिगड़ती गई, लेकिन कोई अनुभवी चिकित्सक मौके पर नहीं था। समय पर इलाज न मिलने की वजह से मरीज ने दम तोड़ दिया। जैसे ही मौत की खबर फैली, परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया।
हंगामा बढ़ता देख पुलिस मौके पर पहुंची
सूचना मिलते ही सदर कोतवाली पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू किया। पुलिस ने मरीज के शव को कब्जे में लेकर मर्चरी भिजवाया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर पूरे मामले की जांच की जाएगी और मेडिकल रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे।
देवरिया में फर्जी अस्पतालों का खेल उजागर
स्थानीय लोगों का कहना है कि देवरिया जनपद में ऐसे कई अस्पताल और नर्सिंग होम चल रहे हैं जहाँ—
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रात में डॉक्टर मौजूद नहीं रहते
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नर्सें या कंपाउंडर इलाज करते हैं
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मशीनें, दवाइयाँ और इमरजेंसी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं
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बिना रजिस्ट्रेशन या मानकों के अस्पताल संचालित हो रहे हैं
इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग, खासकर सीएमओ कार्यालय, द्वारा कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती।
लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं करेगा, तब तक मरीजों की जान इसी तरह जोखिम में पड़ती रहेगी।
जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग
मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर कठोर कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि वे दोषियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
स्थानीय निवासियों ने भी जिले में चल रहे फर्जी अस्पतालों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
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