देवरिया। नगर पालिका परिषद में संविदा पर कार्यरत विद्युतकर्मी राम नक्षत्र चौरसिया की इलाज के दौरान मौत हो गई। करंट लगने से घायल हुए राम नक्षत्र पिछले कई दिनों से जीवन और मौत से जंग लड़ रहे थे, लेकिन आखिरकार लखनऊ पीजीआई में उन्होंने दम तोड़ दिया। इस दुखद घटना से परिवार ही नहीं बल्कि नगर पालिका के कर्मचारियों में भी शोक की लहर दौड़ गई।
जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों पहले नगर पालिका क्षेत्र में बिजली की खराबी की शिकायत पर राम नक्षत्र चौरसिया खंभे पर चढ़कर मरम्मत कार्य कर रहे थे। इसी दौरान अचानक बिजली का करंट उनकी पकड़ में आ गया और वह गंभीर रूप से झुलस गए। सहकर्मियों और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तत्काल जिला मेडिकल कॉलेज, देवरिया में भर्ती कराया गया। हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई रेफर किया। वहां कई दिनों तक इलाज चला, लेकिन आखिरकार उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
मृतक के शव का पंचनामा होने के बाद परिजन गुस्से में आकर शव को लेकर नगर पालिका कार्यालय पहुंच गए। परिजनों का कहना था कि परिवार का भरण-पोषण पूरी तरह से मृतक पर ही निर्भर था। ऐसे में अचानक हुई मौत से परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया है। परिजनों ने नगरपालिका प्रशासन से आर्थिक मुआवजे और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
स्थिति की जानकारी मिलते ही नगरपालिका अध्यक्ष अल्का सिंह और ईओ मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों की पीड़ा को समझते हुए तत्काल मृतक परिवार को एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया और आगे हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। अध्यक्ष ने कहा कि यह मानवता का छोटा सा प्रयास है ताकि पीड़ित परिवार को इस मुश्किल समय में कुछ सहारा मिल सके।
नगरपालिका प्रशासन द्वारा सहायता का आश्वासन मिलने के बाद परिजन शांत हुए और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। वहीं, स्थानीय लोगों ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा और स्थायी नौकरी की मांग को भी दोहराया।
यह हादसा एक बार फिर से संविदा कर्मियों की कार्य परिस्थितियों और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़ा करता है। परिवार को आर्थिक मुआवजा मिलने के बावजूद उनकी रोज़ी-रोटी का बड़ा सवाल अब भी बना हुआ है।
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