लोकेशन — जिला लखीमपुर खीरी
जिला संवाददाता — राम सजीवन प्रजापति
लखीमपुर खीरी। निघासन क्षेत्र में आयोजित पारंपरिक झोलहू मेला इस बार रोमांच से ज्यादा खतरों की वजह से सुर्खियों में है। मेले में लगाए गए कई झूले बिना अनुमति के चल रहे हैं, जिससे लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है। सोमवार को हुए एक बड़े हादसे ने इस खतरे को और स्पष्ट कर दिया, जब ब्रेक डांस झूले पर एक युवक की जान जाते-जाते बची, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मेले में आने वाले लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है, लेकिन सुरक्षा मानकों का न होना घटनाओं को न्योता दे रहा है। सूत्रों के मुताबिक, मेले में ओवर हाइट झूले, मौत का कुआँ और नाव झूले जैसे खतरनाक उपकरण बिना किसी अनुमति के संचालित किए जा रहे हैं। यह स्थिति न सिर्फ प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि किसी बड़े हादसे की आशंका भी पैदा करती है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार निघासन एसडीएम को इन झूलों के खिलाफ शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिकायतों के बावजूद खतरनाक झूले लगातार चल रहे हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि आखिर किसके संरक्षण में इतना बड़ा जोखिम भरा संचालन किया जा रहा है? मेले में सुरक्षा के नाम पर न तो किसी मेडिकल टीम की उपस्थिति है और न ही आपात स्थिति से निपटने के लिए व्यवस्थाएं मौजूद हैं।
अत्यधिक तेज़ रफ्तार और खराब मेंटेनेंस के कारण सोमवार को ब्रेक डांस झूले का एक हिस्सा अचानक तेज़ी से हिलने लगा, जिसके दौरान झूले पर बैठे एक युवक का संतुलन बिगड़ गया। गनीमत रही कि अन्य लोगों की मदद से युवक को संभाल लिया गया, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि झूले की मशीनें काफी पुरानी हैं और किसी भी क्षण टूट सकती हैं।
घटना के बाद भी न तो झूले को रोका गया और न ही संचालकों पर कोई कार्रवाई की गई। मेले में मौजूद परिवारों और बच्चों के लिए यह गंभीर खतरा बना हुआ है। स्थानीय लोग प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज़ हैं और जल्द से जल्द खतरनाक झूलों को बंद करने की मांग कर रहे हैं।
निघासन क्षेत्र के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि ऐसा ही चलता रहा, तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन की चुप्पी समझ से बाहर है। सवाल यह है कि जब बिना परमिशन झूले चलाना कानूनन अपराध है, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?
सूत्रों ने बताया है कि मेले में संचालित झूले न केवल बिना अनुमति चल रहे हैं, बल्कि सुरक्षा जांच भी नहीं हुई है। कई झूलों में सेफ्टी बेल्ट तक नहीं हैं और लोग केवल रोमांच के सहारे अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
फिलहाल, इस मामले पर अधिकारियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन लगातार हो रही शिकायतों और हालात को देखते हुए, स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन अब जागेगा और किसी बड़े हादसे से पहले कार्रवाई करेगा।
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