नोएडा। एक तरफ जहां नोएडा (Noida) में सुपरटेक (supertech) को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा वहीं अब ट्विन टावर मामले (twin tower case) में सीएम योगी (cm yogi) बेहद सख्त नजर आ रहे हैं.
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सीएम ने दिए एसआईटी गठित करने के निर्देश
सीएम योगी ने इस मामले की जांच के लिए गुरुवार को शासन स्तर पर एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है. साथ ही साल 2004 से 2017 तक इस मामले से जुड़े प्राधिकरण के अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए हैं.
अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
इससे पहले बुधवार को सीएम योगी ने ट्विन टावरों के निर्माण में कथित अनियमितता के आरोपी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराते हुए नोएडा में सुपरटेक की एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के 40 मंजिला दो निर्माणाधीन टॉवरों-एपेक्स और सियेन को नियम उल्लंघन के मामले में तीन महीने के भीतर गिराने के निर्देश दिए हैं.
कोर्ट ने कहा कि, वह कानून के उल्लंघन के मामले में सुपरटेक के अधिकारियों और नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश नगर विकास कानून एवं औद्योगिक क्षेत्र विकास कानून के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के उच्च न्यायालय के आदेश की भी पुष्टि करता है.
मामले में मिलीभगत का खुलासा हुआ
कोर्ट ने कहा कि, मामले से कानून के उल्लंघन में डेवलेपर (सुपरटेक) के साथ योजना प्राधिकरण (नोएडा) की मिलीभगत का खुलासा हुआ है. गौरतलब है कि, बायर्स 2012 में पहली बार इस मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट ले गए थे.
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कोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 के अपने फैसले में जब टॉवरों को गिराने का निर्देश दिया था तब वे निर्माणाधीन थे. इसके बाद सुपरटेक लिमिटेड ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की जिसने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था.
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