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Chhath Puja 2021: छठ का महापर्व आज से, जानिए क्या है पूरे पूजा का कार्यक्रम

कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है। आज के दिन से संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना के लिए निर्जला व्रत किया जाता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठ का महापर्व बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। यह पर्व 3 दिनों तक मनाया जाता है। छठ के दौरान महिलाएं लगभग 36 घंटे का व्रत रखती हैं। छठ के दौरान छठी मईया और सूर्यदेव की पूजा- अर्चना की जाती है।

छठ पूजा में पूजा सामग्री का विशेष महत्व होता है और महिलाएं बहुत पहले से ही इन सामग्रियों की लिस्ट बना लेती हैं. आइए जानते हैं कि इस महापर्व में आपको किन चीजों की जरूरत होती है.

छठ पूजा सामग्री
प्रसाद रखने के लिए बांस की दो बड़ी टोकरियां
बांस या फिर पीतल का सूप
दूध-जल के लिए एक ग्लास
एक लोटा और थाली
5 गन्ने
शकरकंदी और सुथनी
पान, सुपारी और हल्दी
मूली और अदरक का हरा पौधा
बड़ा मीठा नींबू
शरीफा, केला और नाशपाती
पानी वाला नारियल
मिठाई, गुड़, गेहूं, चावल और आटे से बना ठेकुआ
चावल, सिंदूर, दीपक, शहद और धूप
नए वस्त्र जैसे सूट या साड़ी लेना ना भूलें.

छठ पूजा कार्यक्रम
8 नवंबर 2021, सोमवार- चतुर्थी (नहाए-खाए)
9 नवंबर 2021, मंगलवार- पंचमी (खरना)
10 नवंबर 2021, बुधवार- षष्ठी (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
11 नवंबर 2021, गुरुवार- सप्तमी (उगते सूर्य को अर्घ्य)

नहाय-खाय (8 नवंबर 2021, सोमवार)

छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होती है. नहाय-खाय इस पूजा का पहला दिन होता है. इस दिन व्रती घर को साफ-सुथरा करके पवित्र करते हैं. इसके अलावा प्रसाद बनाने के लिए रखे सामान को पवित्र स्थान पर रखती हैं. इस दिन सात्विक आहार लिया जाता है. इस बार नहाय-खाय आज यानी 8 नवंबर 2021 को है.

खरना (9 नवंबर 2021, मंगलवार)

खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है. यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. इस दिन व्रत रखा जाता है और व्रती रात को पूजा करने के बाद गुड़ से बनी खीर खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करते हैं. इसी दिन छठ पूजा का प्रसाद तैयार किया जाता है.

डूबते सूर्य को अर्घ्य (10 नवंबर 2021, बुधवार)

छठ पर्व का तीसरा दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसी दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस बात डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की तारीख 10 नवंबर है. 10 नवंबर को सूर्यास्त का समय 5 बजकर 30 मिनट है.

उगते सूर्य को अर्घ्य (11 नवंबर 2021, गुरुवार)

छठ पूजा का यहा अंतिम दिन होता है. इसका निर्धारण कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के आधार पर ही होता है. इस दिन व्रत रखने वाले उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद पारण किया जाता है और फिर व्रत पूरा करते हैं. 11 नवंबर 2021 को सूर्योदय 6 बजकर 41 मिनट पर होगा.

छठ पर्व का समापन

खरना के अगले दिन छठ का समापन किया जाता है। इस साल 11 नवंबर को इस महापर्व का समापन किया जाएगा। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब के पानी में उतर जाती हैं और सूर्यदेव से प्रार्थना करती हैं। इसके बाद उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पूजा का समापन कर व्रत का पारणा किया जाता है।


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