रिपोर्टर – दीपक पंडित, बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)
बुलंदशहर से एक प्रेरक और समाज को नई दिशा देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक दूल्हे ने सामाजिक बुराई के खिलाफ ऐसा कदम उठाया, जिसकी हर तरफ सराहना हो रही है। दूल्हे विवेक ने दहेज में मिली 51 लाख रुपये नकद को अपने माथे से लगाकर वधु पक्ष को वापस कर दिया और मात्र एक चांदी का सिक्का लेकर शादी संपन्न की।
मुजफ्फरनगर के सोरम में कुछ समय पहले हुई सर्व खाप पंचायत ने जाट समाज के नाम एक ऐतिहासिक अपील की थी—
बिना दहेज शादी करने और मृत्यु भोज न करने की।
खाप के इस संदेश और सामाजिक सुधार के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए बुलंदशहर के विवेक ने मथुरा जिले की कृष्णा से बिना दहेज विवाह कर एक अद्भुत उदाहरण पेश किया है।
मेरठ रोड स्थित मैरिज होम में संपन्न हुआ दहेज-मुक्त विवाह
शादी बुलंदशहर के मेरठ रोड स्थित एक निजी मैरिज होम में सम्पन्न हुई। समारोह में मौजूद परिजनों और समाज के लोगों ने इस अनोखे कदम का दिल से स्वागत किया। विवेक द्वारा दहेज में दी जा रही भारी राशि को वापस करना न केवल एक साहसिक निर्णय था बल्कि समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक बड़ा संदेश भी।
किस तरह हुई 51 लाख रुपये लौटाने की पहल?
वधु पक्ष की ओर से सद्भावना में दी गई 51 लाख रुपये की नकदी को दूल्हे विवेक ने मंच पर ही अपने माथे से लगाया और सम्मानपूर्वक वापस लौटा दिया।
उन्होंने कहा कि—
“दहेज हमारी परंपरा नहीं, एक सामाजिक बुराई है — और इसे हम मिलकर ही खत्म कर सकते हैं।”
उनके इस कदम पर दूल्हे के परिवार के साथ-साथ दोनों पक्षों के लोग भावुक हो उठे। उपस्थित सामाजिक संगठनों ने भी इसे ऐतिहासिक कदम बताया।
सर्व समाज ने की तारीफ, बनी नई मिसाल
बुलंदशहर में हुई इस दहेज-मुक्त शादी को सर्व समाज ने सराहा है। पंचायत के फैसलों को गंभीरता से अपनाकर विवेक और कृष्णा ने यह साबित कर दिया कि सामाजिक सुधार केवल बातों से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत निर्णयों से होता है।
बाइट — मंटू चौधरी, दूल्हे के भाई
मंटू चौधरी ने कहा कि उनके परिवार ने शुरुआत से ही दहेज प्रथा का विरोध किया है और विवेक का यह कदम समाज के लिए एक संदेश है कि बेटियों की इज्जत और उनके सम्मान के आगे दहेज जैसी बुराई की कोई जगह नहीं है।
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