हरदोई जिले में लगातार हो रही भैंस चोरी की घटनाओं का पुलिस ने खुलासा करते हुए दो शातिर अभियुक्तों को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया है। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दोनों अपराधियों के पैर में गोली लगने से वे घायल हो गए। पुलिस ने मौके से चोरी की तीन भैंसें, एक पिकअप वाहन, दो अवैध तमंचे, कारतूस और नगदी बरामद की है। दोनों घायल अभियुक्तों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।

भैंस चोरी की घटनाओं से दहशत में थे ग्रामीण
बेनीगंज थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों से पिछले कुछ हफ्तों में दर्जनों भैंसों की चोरी की शिकायतें दर्ज की गई थीं। इन घटनाओं से ग्रामीणों में दहशत का माहौल था। पुलिस लगातार इन मामलों की जांच कर रही थी और संदिग्धों की धरपकड़ के लिए टीम गठित की गई थी।
सीतापुर और मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं आरोपी
पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति चोरी की भैंसों के साथ बेनीगंज क्षेत्र से होकर निकलने वाले हैं। इस पर पुलिस ने घेराबंदी की और संदिग्ध पिकअप वाहन को रुकने का इशारा किया। लेकिन वाहन सवारों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों बदमाशों — सीतापुर निवासी फुरकान और मुजफ्फरनगर निवासी शराफत — के पैरों में गोली लग गई।
बरामद हुआ चोरी का माल और असलहे
मुठभेड़ स्थल से पुलिस ने चोरी की तीन भैंसें, पिकअप डाला, दो अवैध तमंचे, कारतूस और नगदी बरामद की। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में दबिश दे रही है।
सीओ हरियावां का बयान
इस संबंध में सीओ हरियावां अजीत चौहान ने बताया —
“बेनीगंज क्षेत्र में लगातार हो रही पशु चोरी की घटनाओं को लेकर विशेष टीम बनाई गई थी। आज की कार्रवाई में दो अपराधी पकड़े गए हैं। दोनों के पैर में गोली लगी है और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। बरामद माल से साफ है कि ये लोग संगठित गिरोह के सदस्य हैं, जिनके अन्य साथियों की तलाश जारी है।”
पुलिस की सतर्कता से मिला बड़ा सुराग
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह के तार अन्य जिलों से भी जुड़े हो सकते हैं। पुलिस अब इनके कॉल डिटेल्स और पूर्व आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही है।
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