Brain Stroke: आजकल युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जा रहा है और इसके कई कारण हो सकते हैं। खराब लाइफस्टाइल के कारण लोगों का हेल्थ भी खराब होता जा रहा है। कई बार समय पर इलाज न मिलने से ब्रेन स्ट्रोक के कारण लोगों की जान भी चली जाती है।
Brain Stroke: आजकल युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। मोटापा, तनाव, नींद की कमी और अनहेल्दी फूड, शराब और तम्बाकू का अधिक सेवन ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख कारण है। न्यूरोलॉजी का मानना है कि खराब लाइफस्टाइल के कारण न्यूरोलॉजिकल प्रभाव होता है, जो ब्रेन स्ट्रोक के कारण हो सकते हैं।
बता दें कि ब्रेन स्ट्रोक दिल के दौरे की तरह ही है। ये तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता है। ये एक जानलेवा बीमारी है, जिसके संकेतों को अनदेखा करना भारी पड़ सकता है। चलिए अब जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक के बारे में विस्तार से…
1.बोलने में दिक्कत और हल्लुसिनेशन की स्थिति।
2.आंखों में धुंधलापन और कालापन।
3.चलने में दिक्कत और बैलेंस बिगड़ना।
4.उल्टी और बेहोशी के साथ तेज सिरदर्द होना।
5.अचानक हाथ या पैर और चेहरे का सुन्न होना।
ब्रेन स्ट्रोक का इलाज
1.ब्रेन स्ट्रोक के शुरुआती दौर में दवाओं की मदद इसे ठीक किया जा सकता है। इन दवाओं से मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलता है। डॉक्टर बताते हैं कि इसके लिए थ्रोम्बो लाइटिक्स नाम की दवा ली जा जा सकती है।
2.साथ ही आप अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर सकते हैं।
3.स्ट्रोक में ब्लीडिंग को कुछ दवाओं की मदद से कंट्रोल किया जाता है और ब्रेन क्लॉटिंग को हटाने के लिए सर्जरी भी की जाती है।
ब्रेन स्ट्रोक से निदान
1.ब्रेन से संबंधित किसी भी समस्या को चेक करने के लिए न्यूरोलॉजिकल टेस्ट किए जा सकते हैं
2.जांच करते समय डॉक्टर जो भी आपके हेल्थ से संबंधित जो भी प्रश्न पूछे उसका सही-सही उत्तर देने ताकि वह आपका इलाज सही से कर सके।
3.ब्रेन स्ट्रोक का निदान करने के लिए कुछ टेस्ट को शामिल किया गया है-
- MRI
- CT स्कैन
- ECG
- EEG
- ब्लड टेस्ट
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